लखनऊ। उत्तरप्रदेश के लखनऊ में होटल लेवाना में लगी आग के दौरान 5 लोगों की दर्दनाक मौत के बाद योगी सरकार एक्शन में आ गई है। इसके चलते प्रदेश में संचालित हो रहे हैं मानक विहीन होटलों को लेकर योगी सरकार की नजर टेढ़ी हो गई है और जल्द ही प्रदेश में चल रहे मानक विहीन होटलों के ऊपर योगी सरकार बड़ी कार्रवाई कर सकती है।
सूत्रों की मानें तो योगी सरकार की तरफ से मानक विहीन होटलों के जांच के निर्देश भी दे दिए गए हैं और नियमों को पूरा न करने वाले होटलों पर कार्रवाई करने के भी निर्देश जारी किए गए हैं।
योगी के कड़े निर्देश के बाद प्रदेश के समस्त जिला प्रशासन अलर्ट मूड में आ गया है और मनमाने ढंग और अनियमितता के साथ चलाए जा रहे होटल पर समस्त जिले के जिला प्रशासन ने सोमवार देर शाम से शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इसके चलते लखनऊ, कानपुर, उन्नाव, वाराणसी, आगरा, इलाहाबाद व लखनऊ-कानपुर हाईवे के साथ-साथ अन्य हाईवे पर बने होटलों में छापेमारी कर होटलों की जांच पड़ताल करते हुए अग्निशमन से जुड़े हर एक बारीकी को देख रहे हैं साथ ही साथ यह भी देखा जा रहा है कि होटल नक्शे के हिसाब से है या फिर मानक के बीच चल रहा है।
प्रशासनिक सूत्रों की माने तो 1 हफ्ते के अंदर प्रदेश के समस्त होटलों की जांच पूरी करने की बात अधिकारी बता रहे हैं और उनका कहना है कि 1 हफ्ते के अंदर जिले से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार मानक विहीन होटलों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करते हुए उनके संचालकों के ऊपर कानूनी शिकंजा भी कसा जाएगा। अन्य होटलों के भी दस्तावेज चेक करने के कड़े दिशा-निर्देश सोमवार को जारी किए गए हैं और नियमों को ताक पर रखकर चल रहे होटलों को सील करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
ध्वस्त होगी होटल लेवाना : उत्तरप्रदेश के लखनऊ में लेवाना होटल में लगी आग से 4 की मौत होने के बाद योगी सरकार अब एक्शन में आ गई और मदन मोहन मालवीय मार्ग स्थित होटल लेवाना को सील करने के आदेश के साथ साथ विधिक प्रक्रिया पूरी करते हुए ध्वस्तीकरण के भी निर्देश कमिश्नर ने दिए हैं। पूरे मामले की जांच शासन ने मंडलायुक्त और पुलिस आयुक्त जांच सौंपी थी।
मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब ने होटल को सील कर ध्वस्त करने की कार्रवाई के आदेश जारी किए हैं। इसके साथ ही जिन होटलों ने एलडीए को नोटिस मिलने के बाद कोई दस्तावेज नहीं दिए हैं, उनको सील करने के निर्देश भी दिए हैं। मंडलायुक्त और एलडीए अध्यक्ष डॉ. रोशन जैकब ने चिट्ठी में लिखा है कि इस होटल के बारे में उपाध्यक्ष ने जानकारी दी है। उसके अनुसार 12 मई को नोटिस के जवाब में लेवाना सूईट्स होटल ने 2021 से 2024 तक की अग्निशमन विभाग की फायर एनओसी प्रस्तुत की है।
मंडलायुक्त के अनुसार होटल में फायर एस्केप प्रणाली का अभाव है। फसाड पर लोहे की ग्रिल हैं फिर भी एनओसी कैसे मिल गई यह जांच का विषय है। इसके अलावा होटल मालिक ने एलडीए को कोई स्वीकृत मानचित्र नहीं दिया। जोनल अधिकारी ने 26 मई 2022 में नोटिस भेजा। नोटिस का होटल ने जवाब भी नहीं दिया।
इस पर होटल लेवाना की तरफ से कोई जवाब न देने पर 28 अगस्त 2022 को फिर नोटिस दी गई। कमिश्नर ने सीलिंग की कार्रवाई तुरंत करते हुए विधिक प्रक्रिया पूरी कर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। कमिश्नर डॉ. रोशन जैकब ने लिवाना होटल मालिकों पर भी कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
इस दौरान फायर विभाग की कार्यप्रणाली पर भी उठाए गंभीर सवाल उठाए गए हैं। फायर एस्केप प्रणाली और लोहे की ग्रिल के बावजूद कैसे एनओसी दे दी गई है, इसे लेकर भी जांच के आदेश दिए गए हैं।