1 अप्रैल से जो आपके डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड का ऑटो पेमेंट बंद होने वाला था उस गाइडलाइंस की अवधि को भारतीय रिजर्व बैंक ने 6 महीने बढ़ा दिया है। रिजर्व बैंक के अनुसार एडिशनल फैक्टर ऑटेंथिकेशन के नियम को लागू करने के लिए बैंकों को 30 सितंबर तक की और छूट दी जाती है
रिजर्व बैंक ने यह भी कहा है कि पर्याप्त वक्त देने के बाद भी एडिशनल फैक्टर ऑटेंथिकेशन की तैयारी नहीं कर पाने पर बैंकों पर एक्शन लिया जाएगा। आरबीआई का कहना है कि बैंक और सर्विस प्रोवाइडर 31 मार्च तक पेमेंट इंफ्रांस्ट्रक्चर तैयार करने में नाकाम रहे हैं।
आरबीआई ने कहा है कि बड़ी संख्या में लोगों को होने वाली असुविधा को देखते हुए गाइडलाइंस को लागू करने की मियाद को 6 महीने और बढ़ाया गया है। अगले 6 महीने तक ऑटो डेबिट से जुड़ी प्रकिया पहले की तरह जारी रहेगी।
जानिए क्या है RBI का नियम? : आरबीआई ने बैंकिंग फ्रॉड और ग्राहकों की सुरक्षा को देखते हुए ये गाइडलाइन जारी की थीं। भारतीय रिजर्व बैंक ने निर्देश हैं डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, UPI या अन्य किसी प्रीपेड पेमेंट विकल्प के जरिए रिकरिंग पेमेंट के लिए 1 अप्रैल से एडिशनल फैक्टर ऑथेंटिफिकेशन की जरूरत होगी।
इसके तहत किसी भी रेकरिंग पेमेंट की जानकारी बैंकों को ग्राहकों को देनी होगी और उनसे मंजूरी मिलने के बाद ही लेन-देन पूरा होगा। इससे गलत पेमेंट होने या खाते से जुड़े फ्रॉड ट्रांजेक्शन होने की आशंका कम रहेगी और ग्राहकों की मंजूरी के बाद ही उनके खाते से पैसे कटेंगे।