1 सितंबर से आपके जीवन से जुड़ी सेवा के नियमों में बड़े बदलाव होने जा रहे हैं। इनका आपकी जेब पर सीधा असर पड़ेगा। जानिए इन बदलावों के बारे में...
1. चेक क्लिरिंग सिस्टम : 1 सितंबर से 50,000 रुपए से अधिक का चेक जारी करना आपको परेशानी में डाल सकता है। बैंकों ने अब पॉजिटिव पे सिस्टम को लागू करना शुरू कर दिया है। अधिकतर बैंक 1 सितंबर से PPS को लागू करने जा रहे हैं।
2. ईपीएफ खाते को आधार से लिंक करना : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने ईपीएफ खाता को आधार नंबर के साथ पीएफ अकाउंट और यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) को लिंक अनिवार्य कर दिया है। इसे लिंक करने की आखिरी तारीख 31 अगस्त है।
अगर आपने मंगलवार तक अपने पीएफ खाते को यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) नंबर से लिंक नहीं किया तो आपके खाते में कंपनी की तरफ से पैसा जमा होने में परेशानी होगी। दोनों को लिंक करने की आखिरी तारीख पहले ही दो बार बढ़ाई जा चुकी है। इस बात की संभावना कम है कि इस बार अंतिम तारिख आगे बढ़ेगी।
3. कार इंश्योरेंस का बदल जाएगा नियम : मद्रास हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है कि 1 सितंबर से जब भी कोई नया वाहन बिकेगा तो उसका बंपर-टू-बंपर इंश्योरेंस अनिवार्य होना चाहिए। यह इंश्योरेंस 5 साल की अवधि के लिए ड्राइवर, पैसेंजर और वाहन के मालिक को कवर करने वाले इंश्योरेंस के अतिरिक्त होगा। बंपर-टू-बंपर इंश्योरेंस में वाहन के उन हिस्सों को भी कवर मिलेगा, जिनमें आमतौर पर बीमा कंपनियां कवर नहीं देती हैं।
4. जीएसटी रिटर्न पर 1 सितंबर से नया नियम : जीएसटी कलेक्शन में गिरावट को देखते हुए सरकार ने देर से टैक्स जमा करने वालों पर नकेल कसने की तैयारी की है। अब सरकार ने कहा है कि जीएसटी पेमेंट में देरी की स्थिति में 1 सितंबर से नेट टैक्स पर ब्याज लगेगा। सरकार ने कहा है कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के भुगतान में देरी की स्थिति में 1 सितंबर से कुल कर देनदारी पर ब्याज लेगा।