अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की मतगणना के बीच इस तरह की अटकलें भी गर्म हैं कि इस बार राष्ट्रपति पद का फैसला सुप्रीम कोर्ट में होगा। ऐसा इसलिए भी कहा जा रहा है क्योंकि दोनों ही उम्मीदवार कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं। वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तो खुले तौर पर यह बात कह भी चुके हैं।
डोनाल्ड ट्रंप ने मतगणना के बीच दावा किया कि अमेरिकी जनता के साथ 'बड़ी धोखाधड़ी' की जा रही है और वह इसके खिलाफ उच्चतम न्यायालय जाएंगे। ट्रंप ने अपनी बात के समर्थन में कहा कि अचानक सब कुछ रुक गया। यह देश के लिए शर्म की बात है। ट्रंप ने कहा कि हमें करोड़ों लोगों ने वोट दिया है।
ट्रंप जहां खुद कोर्ट जाने की बात करते हैं, वहीं वह यह भी कहते हैं कि वे (बिडेन) कोर्ट जा सकते हैं। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए यह माना जा रहा है कि कोई आश्चर्य नहीं कि इस बार अमेरिकी चुनाव का फैसला अदालत में हो।
दरअसल, अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गया है। बिडेन 225 इलेक्टोरल कॉलेज सीट पर जीत दर्ज कर चुके हैं, जबकि ट्रंप को 213 सीटों पर जीत हासिल हुई है। विजेता को कुल 538 में से कम से कम 270 सीटों पर जीत हासिल करनी होगी।
2000 में भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले से हुआ था निर्णय : यदि यह मामला कोर्ट जाता है तो ऐसा पहली बार नहीं होगा। इसके पहले भी 2000 के चुनावों में ऐसा हुआ है। विवादों से घिरे रीकाउंट और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अल गौर के मुकाबले जॉर्ज डब्ल्यू बुश को विजेता घोषित किया गया था।
आपको बता दें कि इस बार चुनाव को लेकर 300 से ज्यादा मुकदमे दाखिल हो चुके हैं। यह सारे चुनाव प्रक्रिया से जुड़े कानून तोड़ने को लेकर है। पोस्टल बैलेट्स की अनियमितताओं और बदले हुए चुनाव नियमों को देखते हुए और भी मुकदमे दर्ज हो सकते हैं। यदि ऐसा हुआ तो नतीजे आने और वक्त लग सकता है।
दूसरी ओर जानकारों का मानना है कि वोटों की फिर से गिनती होती है तो यह एक से अधिक राज्यों में हो सकती है। दरअसल, ट्रम्प को आशंका है कि ज्यादातर पोस्टल बैलेट्स बिडेन के समर्थन में हैं।