लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को दावा किया बीते 5 साल में भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान प्रदेश में एक भी फसाद या आतंकवादी घटना नहीं हुई, जबकि पूर्ववर्ती अखिलेश यादव सरकार के कार्यकाल में उससे पहले की मायावती सरकार के शासनकाल के मुकाबले लगभग 2 गुनी संख्या में सांप्रदायिक दंगे हुए।
योगी ने कब्रिस्तान की चारदीवारी का उदाहरण देते हुए आरोप लगाया कि सपा सरकार के कार्यकाल के दौरान विकास के नाम पर बस यही काम हुआ और विभिन्न विकास परियोजनाओं के नाम पर धन की बंदरबांट की गई।मुख्यमंत्री ने अपने पांच साल के कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो के आंकड़ों के आधार पर अपने शासनकाल में अपराधों का ग्राफ गिरने का दावा किया।
उन्होंने कहा, वर्ष 2007 से 2012 के बीच बसपा के शासनकाल के दौरान दंगे की 364 घटनाएं हुई थीं। वहीं 2012 से 2017 के बीच सपा के कार्यकाल के दौरान दंगे की 700 बड़ी घटनाएं हुईं, जिनमें सैकड़ों लोग मारे गए। योगी ने कहा, वर्ष 2017 के बाद से अभी तक तो प्रदेश में एक भी दंगा नहीं हुआ और न ही कोई आतंकवादी घटना घटी। फिर भी सरकार खामोश नहीं है। सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा को दृष्टि में रखते हुए संवेदनशील स्थानों पर आतंकवाद रोधी केंद्र स्थापित कर रही है।
योगी ने कहा, पिछले पांच वर्षों के दौरान प्रदेश में उनकी सरकार ने कुछ मील के पत्थर स्थापित किए हैं। यह राज्य अर्थव्यवस्था के मामले में 1947 से 2017 तक छठे सातवें स्थान पर रहा। मगर पिछले पांच वर्षों की अवधि में वह दूसरी पायदान पर पहुंच गया है।
उन्होंने कहा, प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय पिछले पांच वर्षों के दौरान लगभग 46 हजार रुपए प्रति वर्ष से बढ़कर 94 हजार रुपए प्रति वर्ष हो गई है। इसके अलावा वार्षिक बजट 2015-16 के दो लाख करोड़ रुपए के मुकाबले इस वर्ष बढ़कर छह लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है।
उन्होंने कहा, सरकार की बेहतर नीतियों की वजह से उत्तर प्रदेश 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' के मामले में वर्ष 2015-16 की 14वीं पायदान से छलांग लगाकर दूसरे स्थान पर आ गया है। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि प्रदेश की बेरोजगारी दर भी वर्ष 2016-17 के 18 फीसदी के मुकाबले अब मात्र तीन प्रतिशत रह गई है।
योगी ने आरोप लगाया कि पिछली सरकारें पुलिस सुधार करने में विफल थीं, क्योंकि वे पुलिस को अपना व्यक्तिगत औजार बनाकर उसका दुरुपयोग करना चाहती थीं। उन्होंने कहा, भाजपा ने पुलिस सुधार में कोई कोताही नहीं बरती।
सरकार ने पुलिस के लगभग डेढ़ लाख पदों पर पूरी पारदर्शिता के साथ भर्ती की है। इसके अलावा 86 हजार पुलिसकर्मियों की लंबित पदोन्नति को भी संपन्न कराया है। भाजपा सरकार ने पुलिस में महिलाओं को वाजिब हिस्सेदारी दी है। उत्तर प्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य है जिसने हर ग्राम पंचायत में महिला बीट पुलिस अधिकारी की तैनाती की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2016-17 की तुलना अगर 2020-2021 से करें तो राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार, डकैती के मामलों में लगभग 58 फ़ीसदी, लूट के मामले में 64 फ़ीसदी, हत्या के मामले में 23 प्रतिशत, फिरौती के लिए अपहरण के मामलों में 53 प्रतिशत, दहेज हत्या में आठ फीसदी और बलात्कार के मामलों में 43 प्रतिशत की कमी आई है।
उन्होंने कहा कि उनके शासनकाल के दौरान पुलिस के साथ मुठभेड़ में 155 दुर्दांत अपराधी मारे गए और 3638 घायल हुए। उन्होंने कहा, इन कार्रवाइयों में पुलिस के 13 जवान शहीद हुए, जबकि 1236 घायल हुए। सरकार ने एंटी भू माफिया टास्क फोर्स के माध्यम से प्रदेश में 66 हजार हेक्टेयर भूमि को भू माफियाओं से मुक्त कराया है। इसके अलावा पेशेवर अपराधियों और माफिया तत्वों की 2046 करोड़ रुपए की अवैध संपत्ति को ज़ब्त किया।
योगी ने दावा किया, चार साल पहले लखनऊ में हुई पहली इन्वेस्टर्स समिट (निवेश सम्मेलन) के दौरान 4,68,000 करोड़ रुपए के निवेश के एमओयू प्राप्त हुए थे उन लोगों ने तीन लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश के प्रस्तावों को धरातल पर उतारा है। कोरोना काल के दौरान भी प्रदेश में 66 हजार करोड़ का निवेश आया।
योगी ने कहा कि उनकी सरकार ने बाणसागर परियोजना समेत अनेक परियोजनाओं का लोकार्पण किया है, जिसकी वजह से प्रदेश में 2137000 हेक्टेयर जमीन को सिंचाई के अतिरिक्त सुविधा प्राप्त हुई है।
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि उनकी सरकार ने अब तक एक लाख 57 हजार करोड़ रुपए का बकाया गन्ना मूल्य चुका दिया है। उन्होंने कहा कि सपा और बसपा की पिछली सरकारों के समय प्रदेश में हर साल 64 लाख मैट्रिक टन चीनी का उत्पादन होता था, जो भाजपा के शासनकाल में बढ़कर 116 लाख 71 हजार मैट्रिक टन हो गया है।
मुख्यमंत्री ने महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में अपनी सरकार के कार्यों का जिक्र करते हुए कहा कि महिला सशक्तिकरण सिर्फ एक नारा ही नहीं था बल्कि यह हकीकत में उत्तर प्रदेश में देखने को भी मिला है। उन्होंने कहा, बेटियों की सुरक्षा की दृष्टि से राज्य में पॉक्सो से जुड़े मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए 218 फास्ट ट्रैक अदालतों का गठन किया गया है।(भाषा)