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52 सीटों पर जिसे मिलेगा बहुमत, उसे मिलेगी हुकूमत

हमें फॉलो करें 52 सीटों पर जिसे मिलेगा बहुमत, उसे मिलेगी हुकूमत

संदीप श्रीवास्तव

, सोमवार, 27 फ़रवरी 2017 (12:36 IST)
उत्तरप्रदेश के 5वें चरण का मतदान 27 फरवरी को है। इस चरण का मतदान उप्र में किसकी  सरकार बनेगी, उस दृष्टिकोण से अतिमहत्वपूर्ण है, क्योंकि 5वें चरण का मतदान 3 मंडलों फैजाबाद मंडल, देवीपाटन मंडल व बस्ती मंडल में होगा। इन तीनों मंडलों के 11 जनपदों की  52 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव होगा।
2012 के विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा फायदा समाजवादी पार्टी को हुआ था। इन 11  जिलों की 52 में से 37 सीटों पर सपा का कब्जा था। इसी विधानसभा चुनाव में भाजपा की  सबसे ज्यादा प्रतिष्ठा की सीट अयोध्या उसके हाथ से निकल गई। सपा तेजनारायण पांडेय ने  भाजपा के दिग्गज नेता लल्लू सिंह को हराकर सपा का कब्जा जमा दिया।
 
2012 के ही चुनाव में प्रदेश के सुल्तानपुर, संत कबीर नगर, गोंडा, श्रावस्ती, बलरामपुर व  अम्बेडकर नगर इन 6 जिलों की सभी विधानसभा सीटों पर सपा का ही कब्जा रहा। भाजपा,  बसपा व कांग्रेस का खाता तक नहीं खुला। यह सपा के लिए भी कम चुनौती नहीं होगी कि  क्या उसकी हनक इस बार भी बरकरार रहेगी? जबकि इस बार कांग्रेस का हाथ उसके साथ है।  वहीं अन्य राजनीतिक दलों के लिए भी चुनौती कम नहीं है। पार्टियां भी जी-तोड़ मेहनत कर रही  हैं।
 
2014 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने गुणात्मक सुधार करते हुए जिन जिलों में  खाते खोले थे, अब उन सभी जिलों की विधानसभा सीटों में भाजपा कितनी बढ़त बना पाती है,  ये देखना होगा जबकि पार्टी के शीर्ष नेता हरसंभव प्रयास में लगे हैं, वहीं बहुजन समाज पार्टी  भी पुन: वापसी के लिए जुट गई है। 5वें चरण के 11 जिलों की 52 सीटों के लिए जातीय  समीकरण देखने को मिलेगा। इन विधानसभाओं में मुख्य रूप से मुस्लिम, कुर्मी, चव्हाण,  यादव, राजभर, क्षत्रिय व ब्राह्मण मतदाता हैं। 
 
इस बार के विधानसभा चुनाव में जिन 11 जिलों की 52 विधानसभा सीटों के लिए जिन  वरिष्ठों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है, उन्में हैं- राहुल गांधी, वरुण गांधी, संजय सिंह,  जगदम्बिका पाल, माताप्रसाद पांडेय, लल्लू सिंह, ब्रजभूषण शरण सिंह, राजा कीर्तिवर्धन सिंह, विनय कटियार आदि।
 
वहीं मतदाता का क्या निर्णय करता है, इसका पता 11 मार्च को ही चलेगा। 

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