सुरक्षा परिषद का आग्रह, युद्ध रोका जाए और फ़लस्तीन को पहचान दी जाए

Webdunia
शनिवार, 27 जनवरी 2024 (19:43 IST)
ग़ाज़ा में युद्ध समाप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करें और फ़लस्तीन देश को मान्यता दें। ये सन्देश था, मध्य पूर्व संकट पर सुरक्षा परिषद की दो दिवसीय बहस में भाग लेने वाले राजदूतों का। बुधवार को सम्पन्न हुई इस बैठक में ज़ोरदार बहस देखी गई। बुधवार को सम्पन्न हुई इस बैठक में ज़ोरदार बहस देखी गई जिसमें 70 से अधिक प्रतिनिधियों ने, ग़ाज़ा में जारी मानवीय "आपदा" के बारे में गम्भीर चिन्ता व्यक्त की।
 
ग़ाज़ा में युद्ध को चार महीने होने वाले हैं।
 
इस बैठक में संयुक्त राष्ट्र के वरिष्ठ अधिकारियों सहित, सदस्य देशों के राजदूतों ने मंगलवार को बहस का प्रमुख विषय स्थापित किया: इसराइल दो-देश समाधान स्वीकार करने का आग्रह, ऐसा नहीं होने की स्थिति में, एक स्थाई युद्ध का जोखिम दरपेश, जो वैश्विक स्थिरता के लिए एक बढ़ता ख़तरा होगा।
 
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने बैठक की शुरुआत में कहा कि फ़लस्तीनी लोगों के, अपने पूर्ण स्वतंत्र देश के निर्माण के अधिकार को "सभी मान्यता प्राप्त" हो, और किसी भी पक्ष द्वारा दो-देश समाधान को स्वीकार करने से इनकार को "दृढ़ता से अस्वीकार" किया जाना होगा।
 
उन्होंने सुरक्षा परिषद को सम्बोधित करते कहा, "दो-देश समाधान, इसराइल और फ़लस्तीनियों दोनों पक्षों की वैध आकांक्षाओं का हल निकालने का एकमात्र तरीक़ा है।"
 
मंगलवार के कुछ राजदूत वक्ताओं ने सुरक्षा परिषद से, वीटो के कारण उत्पन्न गतिरोध को दूर करने और ग़ाज़ा में रक्तपात और "मानवीय आपदा" को रोकने का आहवान किया।
 
कुछ वक्ताओं ने ज़ोर देकर कहा कि अन्तरराष्ट्रीय शान्ति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बनी 15 सदस्यों वाली सुरक्षा परिषद को, फ़लस्तीनियों के ख़िलाफ़ चल रहे "जनसंहार" के लिए इसराइल को और अधिक ज़िम्मेदार ठहराना चाहिए।
 
चर्चा की मुख्य झलकियाँ
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने मंगलवार को बहस की शुरुआत करते हुए कहा कि इसराइल की, दो-देश समाधान की "स्पष्ट और बार-बार अस्वीकृति" "अस्वीकार्य है"। उन्होंने कहा कि "इस इनकार, और फ़लस्तीनी लोगों को देश का अधिकार देने से इनकार, युद्ध को अनिश्चित काल तक लम्बा खींचेगा, जोकि वैश्विक शान्ति और सुरक्षा के लिए एक बड़ा ख़तरा होगा।”
 
सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने स्पष्ट रूप से दो-देश समाधान को साकार करने और युद्ध को समाप्त करने का आहवान किया, अनेक राजदूतों ने फ़लस्तीनियों की पीड़ा को समाप्त करने के लिए तत्काल युद्धविराम लागू किए जाने और उन्हें तत्काल आवश्यक सहायता, बिना किसी बाधा के वितरित करने की अनुमति दिए जाने की मांग की।
 
संयुक्त राष्ट्र के अनेक पदाधिकारियों ने भी सुरक्षा परिषद में अपनी बात रखते हुए इन पुकारों को दोहराया।
 
जॉर्डन के उप-प्रधानमंत्री ने कहा, ''इस जनसंहार को रोकें।''
 
पर्यवेक्षक देश फ़लस्तीन के विदेश मामलों के मंत्री ने कहा, "समय हमारे हाथों से निकला जा रहा है। दो विकल्प हैं: फैलती आग या युद्धविराम”। 
 
• इसराइल के राजदूत ने कहा कि सुरक्षा परिषद, यदि पूरे क्षेत्र में ईरानी ख़तरे पर विचार किए बिना, ग़ाज़ा को आवश्यक सहायता प्रदान करना जारी रखती है, तो दुनिया को "बहुत अन्धकारमय भविष्य" का सामना करना पड़ेगा।

Related News

Show comments

जरूर पढ़ें

Exit Poll : वोटिंग खत्म होने के बाद RSS मुख्यालय पहुंचे देवेंद्र फडणवीस, मोहन भागवत से की मुलाकात

Exit Poll 2024 : झारखंड में खिलेगा कमल या फिर एक बार सोरेन सरकार

महाराष्ट्र में महायुति या एमवीए? Exit Poll के बाद बढ़ा असमंजस

महाराष्‍ट्र बिटकॉइन मामले में एक्शन में ईडी, गौरव मेहता के ठिकानों पर छापेमारी

BJP महासचिव विनोद तावड़े से पहले नोट फॉर वोट कांड में फंसे राजनेता

सभी देखें

नवीनतम

दिल्ली में दिखी छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति की झलक, सशक्त भारत के निर्माण में बड़ी भूमिका

अब Delhi-NCR में भी बिकेंगे नंदिनी के ये उत्‍पाद

LIVE: अडाणी को बड़ा झटका, केन्या ने रद्द किया 700 मिलियन डॉलर का करार

Manipur Violence : मणिपुर के हालात को लेकर कांग्रेस ने किया यह दावा

Adani Group की कंपनियों को भारी नुकसान, Market Cap में आई 2.19 लाख करोड़ की गिरावट

अगला लेख
More