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भारत का एक और पदक हुआ पक्का, पहलवान रवि दहिया ऐसे पहुंचे फाइनल में (वीडियो)

हमें फॉलो करें भारत का एक और पदक हुआ पक्का, पहलवान रवि दहिया ऐसे पहुंचे फाइनल में (वीडियो)
, बुधवार, 4 अगस्त 2021 (15:05 IST)
चीबा: तोक्यो ओलंपिक में भारत का चौथा पदक पक्का करते हुए रवि दहिया कजाखस्तान के नूरइस्लाम सानायेव को ‘ पिन फॉल’ पर हराकर फाइनल में पहुंचने वाले दूसरे भारतीय पहलवान बन गए हालांकि दीपक पूनिया सेमीफाइनल में हारने के बाद अब कांस्य पदक के लिये खेलेंगे।
 
हरियाणा के एक किसान के बेटे दहिया से पहले सुशील कुमार ओलंपिक कुश्ती के फाइनल में पहुंचने वाले अकेले भारतीय थे जिन्होंने 2012 लंदन ओलंपिक में रजत पदक जीता था।
 
चौथी वरीयता प्राप्त दहिया 57 किग्रा फ्रीस्टाइल सेमीफाइनल में एक समय 2 . 9 से पीछे थे लेकिन उन्होंने वापसी करते हुए अपने विरोधी के दोनों पैरों पर हमला किया और उसे कसकर पकड़ लिया । इसके बाद उसे जमीन पर पटखनी देकर ‘ पिन फॉल ’ से मुकाबला जीत लिया । इसमें अगर कोई पहलवान विरोधी के दोनों कंधे जमीन पर लगा दे तो मैच वहीं खत्म हो जाता है।
 
दहिया ने इससे पहले दोनों मुकाबले तकनीकी दक्षता के आधार पर जीते थे।दहिया ने जीत के बाद कहा ,‘‘ मुझे सानायेव को उतनी बढत लेने का मौका ही नहीं देना चाहिये था । मैं इससे खुश नहीं हूं।’’उन्होंने कहा ,‘‘ मैं उसे दो बार पहले भी हरा चुका हूं तो मुझे पता था कि पिछड़ने के बावजूद वापसी कर सकता हूं । यह करीबी मुकाबला था और मुझे बढत गंवानी नहीं चाहिये थी । ’’उन्होंने कहा ,‘‘ मेरा काम अभी पूरा नहीं हुआ है । मैं यहां एक लक्ष्य लेकर आया हूं और वह अभी अधूरा है।’’
 
फाइनल में उनका सामना मौजूदा विश्व चैम्पियन रूस के जावुर युगुएव से होगा जिनसे वह 2019 विश्व चैम्पियनशिप सेमीफाइनल में हार गए थे।पहले दौर के बाद दहिया के पास 2 . 1 की बढत थी लेकिन सानायेव ने उनके बायें पैर पर हमला बोलकर तीन बार उन्हें पलटने पर मजबूर करते हुए छह अंक ले लिये । ऐसा लग रहा था कि दहिया हार की तरफ बढ रहे हैं लेकिन संयम नहीं खोते हुए उन्होंने एक मिनट में बाजी पलट दी ।
 
दहिया ने पहले दौर में कोलंबिया के टिगरेरोस उरबानो आस्कर एडवर्डो को 13 . 2 से हराने के बाद बुल्गारिया के जॉर्जी वेलेंटिनोव वेंगेलोव को 14 . 4 से हराया।पूनिया 86 किग्रा वर्ग के सेमीफाइनल में हालांकि अमेरिका के 2018 विश्व चैम्पियन डेविड मौरिस टेलर से एकतरफा मुकाबले में हार गए। टेलर की तकनीकी दक्षता का पूनिया के पास कोई जवाब नहीं था। जवाबी हमले पर वह एक ही मूव बना सके लेकिन टेलर ने उन्हें अंक नहीं लेने दिया । पूनिया का सामना अब माइलेस एमिने और अली शाबानाउ के बीच होने वाले रेपेशॉज मुकाबले के विजेता से होगा।
 
उन्होंने आसान ड्रॉ का पूरा फायदा उठाते हुए पहले दौर में नाइजीरिया के एकेरेकेमे एगियोमोर को मात दी जो अफ्रीकी चैम्पियनशिप के कांस्य पदक विजेता हैं । क्वार्टर फाइनल में उन्होंने चीन के जुशेन लिन को 6 . 3 से हराया।वहीं 19 वर्ष की अंशु मलिक महिलाओं के 57 किलोवर्ग के पहले मुकाबले में यूरोपीय चैम्पियन बेलारूस की इरिना कुराचिकिना से 2 . 8 से हार गई। उन्हें हालांकि पदक जीतने का एक और मौका मिलेगा क्योंकि इरिना फाइनल में पहुंच गई है । अब अंशु गुरूवार को रेपेशॉज खेलेगी और कांस्य की दौड़ में होगी ।
 
के डी जाधव भारत को कुश्ती में पदक दिलाने वाले पहले पहलवान थे जिन्होंने 1952 के हेलसिंकी ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था। उसके बाद सुशील ने बीजिंग में कांस्य और लंदन में रजत पदक हासिल किया । सुशील ओलंपिक में दो व्यक्तिगत स्पर्धा के पदक जीतने वाले अकेले भारतीय थे लेकिन बैडमिंटन खिलाड़ी पी वी सिंधू ने कांस्य जीतकर बराबरी की।
लंदन ओलंपिक में योगेश्वर दत्त ने भी कांस्य पदक जीता था। वहीं साक्षी मलिक ने रियो ओलंपिक 2016 में कांस्य पदक हासिल किया था।कुश्ती में विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया भी भारत की पदक उम्मीद हैं।(भाषा)

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