When is Hartalika Teej in 2023 : सावन माह में शुक्ल पक्ष में हरियाली तीज के बाद भादो माह में शुक्ल पक्ष में हरतालिका तीज का पर्व मनाया जाता है। दोनों पर्व के बीच पूरे एक माह का अंतराल रहता है। हरियाली तीज के पंद्रह दिन बाद कजरी तीज आती है, जिसे बड़ी तीज कहा जाता है। इसके बाद हरतालिका तीज पर व्रत का समापन होता है। आओ जानते हैं कि हरतालिका तीज कब है और क्या है पूजा के शुभ मुहूर्त।
हरतालिका तीज कब है : 19 अगस्त 2023 को हरयाली तीज रहेगी इसके बाद 18 सितंबर को भाद्रपद शुक्ल पक्ष को हरतालिका तीज का पर्व मनाया जाएगा।
हरतालिका तीज का शुभ मुहूर्त :-
अभिजित मुहूर्त : दोपहर 12:08 से 12:57 तक।
विजय मुहूर्त : दोपहर 02:35 से 03:23 तक।
गोधूलि मुहूर्त : शाम को 06:39 से 07:02 तक।
सायाह्न सन्ध्या : शाम को 06:39 से 07:50 तक।
रवि योग : दोपहर 12:08 बजे से अगले दिन सुबह 06:27 तक।
हरतालिका तीज का महत्व : भाद्रपद शुक्ल तीज को हरतालिका तीज का व्रत रखा जाता है। इस दौरान महिलाएं व्रत रखकर माता पार्वती की पूजा और आराधना करती है। कहते हैं कि माता पार्वती के व्रत की शुरुआत हरियाली तीज से होकर हरतालिका तीज को समाप्त होती है। यह व्रत उत्तर भारत में खासा प्रचलित है। हरितालिका तीज के दिन सुहागन स्त्रियां कड़ा व्रत रखती हैं जिसके नियम भी कड़े रहते हैं। हरियाली तीज के दिन विवाहित स्त्रियां अपने पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखती हैं। सौभाग्यवती स्त्रियां अपने सुहाग को अखंड बनाए रखने और अविवाहित युवतियां मन मुताबिक वर पाने के लिए हरितालिका तीज का कठिन व्रत करती हैं।
हरतालिका तीज की कथा : मां पार्वती ने भगवान शिवजी को वर रूप में प्राप्त करने के लिए घोर वन में तप किया व बालू के शिवलिंग बनाकर उनका पूजन किया जिससे प्रसन्न होकर शिव ने उन्हें वर दिया। बाद में राजा हिमालय (पर्वत) ने भगवान शिव व माता पार्वती का विवाह कराया। माता ने जब यह व्रत किया था, तब भाद्रपद की तीज तिथि थी व हस्त नक्षत्र था। उन्हें स्वयं शिवजी प्राप्त हुए।