तालिबान का काबुल पर कब्जे के बाद अभी भी अफगानिस्तान के पंजशीर पर नियंत्रण नहीं है। ऐसे में पंजशीर प्रांत पर कब्जे के लिए बड़ी संख्या में तालिबानी लड़ाके पहुंच रहे हैं। तालिबान ने भले ही काबुल पर कब्जा कर लिया हो, लेकिन अफगानिस्तान के पंजशीर इलाके में उसके मंसूबे कामयाब नहीं हो सके हैं। तालिबान को यहां पंजशीर के लड़ाकों से कड़ी टक्कर मिल रही है।
पंजशीर के इस इलाके को 20 साल पहले भी तालिबान कब्जाने में नाकामयाब रहा था और एक बार फिर पंजशीर को कब्जाने की उसकी कोशिश को करारा झटका लगा है। विद्रोहियों ने 300 से ज्यादा तालिबानी इलाकों को मार गिराया है।
पंजशीर में विद्रोहियों की फौज मौजूद है। पंजशीर पर कब्जा तालिबान के लिए आसान नहीं होगा, क्योंकि यहां अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद सीनियर विद्रोही लड़ाकों के साथ तालिबान को पस्त करने के लिए तैयार हैं।
अहमद मसूद का कहना है कि हम युद्ध और बातचीत दोनों के लिए ही तैयार हैं। उन्होंने कहा, हमने तालिबान को समझौते का न्योता भी दिया है। मसूद ने यह भी कहा है कि अगर तालिबान ने घाटी में घुसने की हिमाकत की तो वो उसका विरोध करेंगे।
अफगानिस्तान के 34 प्रांतों में से पंजशीर इकलौता ऐसा प्रांत है जहां तालिबान कब्जा नहीं कर सका है। अफगानिस्तान के उप राष्ट्रपति रहे अमरूल्ला सालेह ने ट्विटर पर लिखा कि तालिबान लड़ाके प्रांत के आसपास एकत्रित हो गए हैं।
वहीं दूसरी ओर तालिबान के प्रवक्ता जबील्ला मुजाहिद का कहना है कि उन्होंने पंजशीर प्रांत को घेरना शुरू कर दिया है। तालिबान की योजना पंजशीर के लोगों से बात करने की है। प्रवक्ता ने कहा, अभी तक तो वहां लड़ाई नहीं हो रही। हम पंजशीर के लिए शांतिपूर्ण समाधान खोजना चाहते हैं।