अगर आपके माता-पिता, दादा-दादी, भाई-बहन या अन्य कोई भी पारिवारिक सदस्य हो जिन्हें पूरनपोळी खाना बहुत पसंद थी तो इस पितृ पक्ष में उनका तर्पण करते समय उनका पसंदीदा भोजन अवश्य बनाएं। इससे आपके पितृ आप पर प्रसन्न तो होंगे ही, साथ ही आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होने का आशीर्वाद भी आपको अवश्य देंगे। तो फिर क्यों न इस पितृ पक्ष में उनका पसंदीदा भोजन बनाकर उनकी आत्मा की तृप्ति करें?
पूरनपोळी : पितृपक्ष का विशेष व्यंजन
सामग्री :
200 ग्राम चने की दाल, 300 ग्राम आटा, 300 ग्राम शकर, 300 ग्राम शुद्ध घी, 6-7 पिसी हुई इलायची, 2 ग्राम जायफल, 8-10 केसर के लच्छे।
विधि :
सबसे पहले एक प्रेशर कुकर में चने की दाल को अच्छी तरह से धोकर, दाल से डबल पानी लेकर कम आंच पर 30 से 35 मिनट पकने दें। 2-3 सीटी लेने के बाद गैस बंद कर दें।
कुकर ठंडा होने के बाद चना दाल को स्टील की छन्नी में निकाल लें ताकि उसका सारा पानी निकल जाए। दाल जब ठंडी हो जाए, तब उसमें 300 ग्राम शकर में से 150 ग्राम शकर मिलाकर मिक्सी में पीस लें। पीसी हुई दाल के मिश्रण को एक कड़ाही में निकालकर उसमें बची हुई 150 ग्राम शकर भी मिला दें। इस प्रकार पूरी 300 ग्राम शकर भी मिला दें।
अब इस मिश्रण को कम आंच पर औटाएं यानी तब तक पकाएं, जब तक पूरन की गोली न बनने लगे। जब पूरन बन जाए तब आंच से उतार लें और ठंडा करें। ऊपर से जायफल, इलायची, केसर डालकर मिश्रण के आवश्यकतानुसार 10-12 गोले बना लें।
पूरनपोळी बनाने के लिए :
एक थाली में मैदे की छन्नी से छना आटा लें। उसमें 1 बड़ा चम्मच शुद्ध घी का मोयन डालकर रोटी के आटे जैसा गूंथ लें। इसकी छोटी-छोटी लोइयां बनाकर 1-1 लोई में 1-1 पूरन का गोला रखकर आटा लगाकर मोटी रोटी की तरह बेल लें।
अब गरम तवे पर धीमी आंच पर शुद्ध घी लगाकर दोनों तरफ गुलाबी सेंक लें। इस प्रकार सभी पूरनपोळी बना लें। पूरनपोळी पर अच्छा घी लगाएं और पितरों को भोग लगाकर उनसे आशीष लें।