श्राद्ध महालय के दौरान आने वाली आश्विन कृष्ण अष्टमी को गजलक्ष्मी या महालक्ष्मी व्रत का बहुत महत्व है। इस दिन आप धन की देवी महालक्ष्मी को इस खीर का नैवेद्य चढ़ाकर माता से समस्त मनोकामना पूर्ण होने का आशीष प्राप्त कर सकते हैं। आइए जानें सरल विधि-
बासमती चावल की शाही खीर
सामग्री :
2 लीटर गाढ़ा दूध, 50 ग्राम मावा, दो मुट्ठी बासमती चावल, पाव कटोरी मेवे की कतरन, चार बड़े चम्मच शक्कर, आधा चम्मच पिसी इलायची और 3-4 लच्छे केसर, चुटकी-भर मीठा पीला रंग।
विधि :
खीर बनाने से एक-दो घंटे पूर्व चावल धोकर पानी में गला दें। अब दूध को मोटे तले वाले बर्तन में लेकर गरम करके 10-15 उबाल लेकर पका लें। अब चावल का पूरा पानी निथार कर दूध में डाल दें। बीच-बीच में चलाती रहें। चावल पकने के बाद शक्कर डाल दें और शक्कर गलने तक दूध को लगातार चलाती रहें। बीच में छोड़े नहीं।
अब मावे को किसनी से कद्दूकर कर लें और खीर में मिला दें। जब खीर अच्छी तरह गाढ़ी हो जाए तब उसमें मेवे की कतरन, इलायची डालें। एक अलग कटोरी में थोड़ा-सा गरम दूध लेकर केसर 5-10 मिनट के लिए उसमें गला दें। तत्पश्चात केसर घोंटें और उबलती खीर में डाल दें।
अब तैयार खीर की 5-7 उबाली लेकर गैस बंद कर दें। अब तैयार बासमती चावल की शाही खीर से मां गजलक्ष्मी और पितृ देवता को भोग लगा कर अपनी मनोकामना पूर्ण करने की विनती करें।