Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

शेयर बाजार में स्मॉल कैप में निवेशकों को बड़ा झटका, 6 माह में क्यों आई 13 प्रतिशत की गिरावट?

हमें फॉलो करें शेयर बाजार में स्मॉल कैप में निवेशकों को बड़ा झटका, 6 माह में क्यों आई 13 प्रतिशत की गिरावट?
, रविवार, 10 जुलाई 2022 (13:46 IST)
नई दिल्ली। 2022 के पहले 6 माह शेयर बाजारों में छोटी कंपनियों के निवेशकों के लिए अच्छे नहीं रहे। बीएसई स्मॉलकैप और मिडकैप में इस साल अब तक 13 प्रतिशत की गिरावट आई है। लार्ज कैप की तुलना में इनका प्रदर्शन कहीं खराब रहा है। 
 
विशेषज्ञों का मानना है कि जब अच्छे समय’ में छोटी कंपनियों के शेयर ‘लार्ज कैप’ की तुलना में ज्यादा चढ़ते हैं। ऐसे में मौजूदा खराब दौर में इनमें कहीं अधिक ‘करेक्शन’ सामान्य बात है।
 
शेयर बाजार विशेषज्ञ योगेश बागौरा ने बताया कि मिडकैप और स्मॉल कैप में आम लोगों की अपेक्षा प्रमोटर्स का पैसा अधिक रहता है। वहीं लार्ज कैप में पब्लिक होल्डिंग ज्यादा रहती है। FII और DI हमेशा ट्रेंड के साथ चलते हैं इसलिए बाजार में गिरावट की स्थिति में स्माल कैप और मिड कैप कंपनियों के शेयर में ज्यादा गिरावट आती है। इसी तरह बाजार बढ़ने पर इनके शेयर तेजी से बढ़ते हैं।

बाजार विशेेषज्ञ सागर अग्रवाल ने कहा कि 2022 रेसेशन ईयर है। इस वजह से शेयर बाजार उठ नहीं पा रहा है। बाजार में छोटे निवेशक बिग बुल का शिकार हो रहे हैं। दरअसल बिग बुल वे बड़े निवेशक होते हैं जो कम दाम पर शेयर खरीदते हैं। बड़ी संख्या में निवेश से उसका दाम बढ़ जाता है। स्टॉक की ग्रोथ देखकर जब छोटे निवेशक शेयर की ग्रोथ देखकर निवेश करना शुरू करते हैं तब तक बड़े निवेशक प्रॉफिट बुक कर बाहर हो जाते हैं। इससे शेयर के दाम गिर जाते हैं तो छोटे निवेशकों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है। 
 
बीएसई का स्मॉलकैप सूचकांक इस साल 12.95 प्रतिशत और मिडकैप 9.26 फीसदी टूट चुका है। इसकी तुलना में 30 शेयरों वाले सेंसेक्स में 3,771.98 अंक या 6.47 प्रतिशत की गिरावट आई है।
 
सेंसेक्स इस साल 17 जून को 52 सप्ताह के निचले स्तर 50,921.22 अंक तक फिसल गया था। 19 अक्टूबर, 2021 को सेंसेक्स अपने एक साल के उच्चस्तर 62,245.43 अंक पर पहुंच गया था।
 
छोटी कंपनियों के शेयरों ने 2021 में शानदार प्रदर्शन करते हुए निवेशकों को 63 प्रतिशत का प्रतिफल दिया था। 2021 में मिडकैप 39.17 प्रतिशत चढ़ा था, जबकि स्मॉलकैप 62.76 प्रतिशत उछला था। इसकी तुलना में सेंसेक्स 21.99 प्रतिशत के लाभ में रहा था।
 
बहरहाल फिलहाल सभी की स्वीडन और नार्वे के नाटो में शामिल होने पर लगी हुई है। अगर ऐसा होता है तो रूस और यूरोपीय देशों में नए सिरे से युद्ध शुरू हो सकता है। ब्रिटेन, श्रीलंका समेत दुनिया के कई देश महंगाई की चपेट में है। बहरहाल बाजार के लिए आने वाले 2-3 माह बेहद महत्वपूर्ण है। इसमें तय होगा की बाजार किस दिशा में जाएगा।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

श्रीलंका के हालात को लेकर अमेरिका में भी प्रदर्शन (Live Updates)