मुंबई। घरेलू शेयर बाजारों में सोमवार को भारी गिरावट आई और बीएसई सेंसेक्स 861 अंक से अधिक लुढ़क गया। निफ्टी भी 246 अंक यानी 1.4 प्रतिशत नुकसान के साथ 17312.90 अंक पर बंद हुआ। वैश्विक बाजारों में कमजोर रुख के बीच आईटी शेयरों में बिकवाली से बाजार नीचे आया।
तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 861.25 अंक यानी 1.46 प्रतिशत की गिरावट के साथ 57,972.62 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 1,466.4 अंक तक लुढ़क गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 246 अंक यानी 1.4 प्रतिशत नुकसान के साथ 17,312.90 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स के शेयरों में 4.57 प्रतिशत की गिरावट के साथ सर्वाधिक नुकसान में महिंद्रा एंड महिंद्रा रही। इसमें अलावा इन्फोसिस, विप्रो, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, कोटक महिंद्रा बैंक, टाटा स्टील, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और भारतीय स्टेट बैंक भी प्रमुख रूप से नुकसान में रहे।
दूसरी तरफ मारुति, नेस्ले, एशियन पेंट्स, आईटीसी, महिंद्रा एंड महिंद्रा और हिंदुस्तान यूनिलीवर प्रमुख रूप से लाभ में रहीं। एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में जबकि चीन का शंघाई कंपोजिट मामूली बढ़त में रहा।
यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में गिरावट का रुख था। अमेरिकी शेयर बाजार शुक्रवार को नुकसान में रहे। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, जैक्सन होल संगोष्ठी में जेरोम पावेल के नीतिगत मोर्चे पर आक्रामक रुख के बाद ब्याज दर में बड़ी वृद्धि की आशंका जताई जा रही थी, लेकिन जुलाई में महंगाई दर में नरमी से निवेशक ब्याज दर में हल्की वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, भारत जैसे उभरते बाजारों में बिक्री बढ़ने का प्रमुख कारण विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली को लेकर चिंता है। हाल की तेजी में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.79 प्रतिशत बढ़कर 101.8 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने शुक्रवार को 51.12 करोड़ रुपए मूल्य के शेयर बेचे।(भाषा)