Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

विधायक की वादाखिलाफी से नाराज वुशू कोच ने लौटाया विश्वामित्र अवार्ड

हमें फॉलो करें विधायक की वादाखिलाफी से नाराज वुशू कोच ने लौटाया विश्वामित्र अवार्ड
अशोकनगर , मंगलवार, 18 सितम्बर 2018 (11:48 IST)
अशोकनगर। मध्यप्रदेश के अशोकनगर निवासी विश्वामित्र अवार्ड से सम्मानित वुशू कोच बृजेश धुरेंटे ने स्थानीय भाजपा विधायक गोपीलाल जाटव की वादाखिलाफी से नाराज होकर अपना विश्वामित्र अवार्ड सरकार को वापस कर दिया।
 
 
2016 में विश्वामित्र अवार्ड से नवाजे गए वुशू कोच श्री धुरेंटे द्वारा प्रशिक्षित अनेक खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय स्तर की कई प्रतियोगिताओं में गोल्ड, सिल्वर एवं ब्रॉन्ज जैसे पदक हासिल कर चुके हैं। इनमें से चार प्रशिक्षित खिलाडियों को सरकार की ओर से एकलव्य पुरस्कार भी मिल चुका है।

सोमवार को अपना पदक अपर कलेक्टर को लौटाने के बाद धुरेंटे ने बताया कि दो साल पहले विधायक जाटव ने स्वयं ही खिलाडिय़ों के सम्मान समारोह में वुशू हॉल निर्माण के लिए 11 लाख रुपए की राशि विधायक निधि से देने की घोषणा की थी। रविवार को वे खिलाडियों के साथ विधायक के पास पहुंचे और घोषणा याद दिलाई तो विधायक ने इस तरह की कोई घोषणा करने से ही इंकार करते हुए राशि देने से इंकार कर दिया।
 
 
वादाखिलाफी से नाराज होकर श्री धुरेंटे मौके पर ही प्रदेश सरकार द्वारा दिया गया विश्वामित्र अवार्ड विधायक को लौटाने लगे, लेकिन विधायक ने इसे लेने से मना कर दिया। श्री धुरेंटे ने बताया कि उन्हें यह अवॉर्ड मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिया था, इसलिए वे स्थानीय प्रशासन के जरिए अवॉर्ड मुख्यमंत्री को लौटा रहे हैं। कोच ने मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन भी अपर कलेक्टर अनुज रोहतगी को दिया है। उन्होंने अवार्ड के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए लिखा है कि वे स्वेच्छा से इसे लौटा रहे हैं।
 
 
वहीं जब कोच अपना अवार्ड लौटाने कलेक्टर मंजू शर्मा से मिलने पहुंचे, तो कलेक्टर ने उन्हें मिलने के लिए समय ही नहीं दिया। पूरे मामले पर विधायक जाटव ने कहा कि क्षेत्र में सभी प्रकार के खेलों के लिए सवा करोड़ रुपए की लागत से स्टेडियम बनवाया गया है। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने इस बारे में घोषणा की थी, तब कोच के पास जमीन अलॉट नहीं थी। जमीन अलॉट होने पर मांग नहीं रखी गई, अब राशि नहीं बची है।
 
 
लगातार 10 साल से वुशू खिलाड़ी तैयार कर रहे श्री बृजेश धुरेंटे को शासन की ओर से नौकरी दी गई थी, लेकिन उन्होंने जिले में वुशू का खेल जारी रखने के लिए वह नौकरी छोड़ दी। (वार्ता)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

एशिया कप : पाकिस्तान से पहले 'मिनी पाकिस्तान' से होगी भारत की टक्कर