जोकोविच के अनुसार ग्रास कोर्ट्स पर रोजर फेडरर की सफलता का राज उनका बैलेंस है। फेडरर को बहुत कम ही फिसलते या गिरते हुए देखा गया है। शुक्रवार को विंबलडन में ज्यादा गर्मी होने की वजह से कोर्ट के ऊपरी सतह पर शायद मिट्टी की पकड़ ढीली थी और इससे बॉल बॉय से लेकर खिलाड़ी तक फिसलते और गिरते रहे।
मगर फेडरर को इससे कोई परेशानी नहीं हो रही थी और लेनार्ड स्ट्रफ भी पूरी कोशिशों के बावजूद फेडरर पर दबाव नहीं बना पा रहें थे। स्ट्रफ अपने पहले दोनों मैचों में पहले दोनों सेट हारकर भी मैच जीत गए थे। मगर उनका फेडरर के खिलाफ ऐसा दोहरा पाने का वे खुद भी नहीं सोच रहें होंगे और इसलिए उनका तीसरे सेट में खेल थोड़ा बुझा हुआ था। वहीँ चिलिच, वावरिंका और दिमित्रोव के बाहर हो जाने से फेडरर की राह और आसान हो गई है।
सेंटर कोर्ट के पहले मैच में सैम क्वेरी ने मोफिल्स से पहला सेट जीत लिया था। दूसरे सेट की शुरुआत में मोंफिल्स फिसल गए थे और उनको फिजियोथेरेपी के लिए मेडिकल ब्रेक लेना पड़ा। जहां मैच ख़त्म हुआ लग रहा था, इस ब्रेक के चलते सैम की लय बिगड़ गई और मोंफिल्स को संभलने का मौका मिल गया।
मैच के फिर से शुरू होने के बाद से मोंफिल्स ने सैम की सर्विस को हावी नहीं होने दिया और बेहतर कोर्ट कवरेज होने चलते वे मैच जीतने में कामयाब रहे। एक और जहां मोंफिल्स के लिए फिसलना फायदेमंद रहा ऐसा होना क्रिस्टीना के लिए नुकसानदायक रहा। सेरेना के खिलाफ पहले सेट में क्रिस्टीना एक सर्विस ब्रेक से आगे चल रहीं थीं पर पहले सेट के लिए सर्विस करने के दौरान वे फिसल गई थी। और इसके बाद वे संभल नहीं पाई, सेरेना ने मैच सीधे सेटों में जीत लिया।
गिरने का सिलसिला सिर्फ कोर्ट तक ही सीमित नहीं था। महिलाओं के ड्रॉ में वरीयता प्राप्त खिलाडियों का गिरना भी जारी रहा। वीनस और मेडिसन किइस शुक्रवार को हार गई और इनकी हार के साथ ही अब टॉप 10 वरीयता की खिलाडियों में सिर्फ हालेप और प्लिसकोवा ही बचीं हुईं हैं। जिसमें शुक्रवार को प्लिसकोवा भी मुश्किलों से ही जीतीं थीं। विंबलडन इस साल गर्मी से खासा परेशान है, और यहां तापमान 33 डिग्री तक पहुंचने की संभावनाएं हैं।