नई दिल्ली। भारत के अनुभवी टेबल टेनिस खिलाड़ी शरत कमल ने रविवार को 10 साल में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय खिताब जीता लेकिन टूर्नामेंट के दौरान 37 साल का यह खिलाड़ी यह सोचने को बाध्य हो गया था कि कोविड-19 महामारी के कारण ओमान जाकर उन्होंने कहीं अपने जीवन की सबसे बड़ी गलती तो नहीं कर दी।
शरत जब आईटीटीएफ चैलेंज प्लस टूर्नामेंट के लिए ओमान में थे तो दुनिया भर में खेल प्रतियोगिताओं के रद्द या स्थगित होने की खबरें आने लगी।
ओमान में टूर्नामेंट के दौरान ही होने वाले पोलिश ओपन को स्थगित कर दिया गया और विश्व संस्था ने अप्रैल के अंत तक सभी गतिविधियों को निलंबित करने का फैसला किया।
खिलाड़ियों को भी ऐसे हालात में भ्रम की स्थिति का सामना करना पड़ा। शरत उस समय भारत के तीसरे नंबर के एकल खिलाड़ी हरमीत देसाई सहित अन्य खिलाड़ियों के साथ मस्कट में थे।
सोमवार तड़के चेन्नई लौटकर राहत महसूस कर रहे शरत ने कहा, ‘जब मैंने सुना कि पोलिश ओपन निलंबित कर दिया गया है तो मैंने सोचा कि यहां आकर मैंने बड़ी गलती कर दी।’
शरत ने एहतियाती कदम उठाते हुए घर में खुद को पृथक रखा है। चेन्नई हवाई अड्डे पर जांच के दौरान हालांकि उनके शरीर का तापमान सामान्य था।
फाइनल में पुर्तगाल के मार्कोस फ्रेटास को 4-2 से हराने वाले दुनिया के 38वें नंबर के खिलाड़ी शरत ने कहा, ‘इस तरह के समय में बेशक आप अपने परिवार के बारे में सोचते हो और वे आपको लेकर चिंतित होते हैं। लेकिन जब यह पुष्टि हो गई कि टूर्नामेंट जारी रहेगा तो मुझे काम पर ध्यान देना था।’ शरत ने अपना पिछला खिताब मिस्र में 2010 में जीता था।