नई दिल्ली। विश्व निशानेबाजी संस्था (आईएसएसएफ) ने अभी तक मिश्रित टीम स्पर्धा के प्रारूप को अंतिम रूप नहीं दिया है लेकिन शीर्ष भारतीय पिस्टल निशानेबाज जीतू राय इससे जरा भी परेशान नहीं हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि निशानेबाजों का काम सिर्फ निशाना लगाना है, किसी अन्य चीजों के बारे में चिंता करना नहीं।
अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी खेल महासंघ (आईएसएसएफ) ने सोमवार से यहां शुरू होने वाले आईएसएसएफ पिस्टल, एयर राइफल और शॉटगन विश्व कप फाइनल में मिश्रित टीम स्पर्धा को शामिल किया है।
एयर राइफल, एयर पिस्टल और ट्रैप में नई मिश्रित स्पर्धा को टोकियो 2020 ओलंपिक कार्यक्रम में शामिल किया गया है। ऐसा आईओसी एजेंडे 2020 के दिशा-निर्देशों को अपनाने के तहत किया गया है जिसमें खेलों में लिंग समानता को शामिल करने की बात की गई है।
इस साल मिश्रित टीम स्पर्धा को 2 आईएसएसएफ विश्व कप राइफल-पिस्टल चरणों में और आईएसएसएफ विश्व कप शॉटगन के 3 चरणों में परीक्षण स्पर्धाओं के तौर पर शामिल किया गया, लेकिन अब यहां इन स्पर्धाओं में पदकों को गिना जाएगा।
जीतू ने यहां कर्णी सिंह शूटिंग रेंज में पत्रकारों से कहा कि हम मिश्रित स्पर्धा के प्रारूप को समझ रहे हैं, क्योंकि आईएसएसएफ लगातार सर्वश्रेष्ठ की खोज में नियमों में फेरबदल कर रहा है। लेकिन इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि मेरा काम निशानेबाजी करना है और मैं यही कर सकता हूं।
सेना के इस निशानेबाज ने दोनों विश्व कप और विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीते हैं, उन्होंने कहा कि मेरा काम अन्य अन्य कारकों के बारे में चिंता किए बिना परिस्थितियों के अनुसार तैयारी करना है। (भाषा)