नई दिल्ली। भारत के शीर्ष पिस्टल निशानेबाज जीतू राय ने शानदार वापसी करते हुए आज यहां 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य पदक हासिल किया जिससे आईएसएसएफ विश्व कप में भारत ने तीसरा पदक जीता। 29 वर्षीय जीतू ने आठ निशानेबाजों के फाइनल में कुल 216.7 अंक का स्कोर बनाया जिससे वह पोडियम में तीसरे स्थान पर रहे।
हालांकि चैन सिंह मेजबान देश की पदक तालिका में इजाफा नहीं कर सके और पुरूषों के 50 मीटर राइफल प्रोन में सातवें स्थान पर रहे। उन्होंने 141.9 अंक बनाए। एशियाई खेलों और विश्व चैम्पियनशिप के रजत पदकधारी जीतू पहली सीरीज में सातवें स्थान पर थे जिसमें 8.8 का स्कोर शामिल था।
लेकिन उन्होंने दूसरी सीरीज में दो बार 10.6 और एक बार 10 अंक का निशाना लगाकर वापसी की। इस सीरीज के अंत में जीतू 98.7 अंक से छठे स्थान पर थे। डॉ. कर्णी सिंह शूटिंग रेंज में चल रही प्रतियोगिता के इस फाइनल में एलिमिनेशन चरण तक उन्होंने इस स्तर को कायम रखा। उन्होंने दो बार 10 अंक जुटाए और बढ़त जारी रखी।
सेना का यह निशानेबाज दो बार फिर 10.6 अंक हासिल कर पदक की दौड़ में आ गया और 9.9 अंक से कांस्य पदक सुनिश्चित किया। वह चीन के झानई जु (197.9 अंक) से आगे रहे। जीतू वियतनाम के जुआंग विंह होआंग पर 0.1 अंक की बढ़त बनाए थे और रजत पदक की दौड़ में थे लेकिन 8.6 अंक से उन्हें कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।
जीतू ने कहा, मैं शुरू में थोड़ा धीमा था, जो काफी खराब रहा। मैं पदक जीत पाउंगा, तब मुझे ऐसा नहीं लग रहा था। लेकिन मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ करने की ठानी और अंत तक जूझता रहा। मैं अंत तक लड़ा। एक एक करके मैं उपर पहुंचा। उन्होंने कहा कि शुरू में कुछ खराब शॉट का एक तरह से उन पर सकारात्मक असर पड़ा क्योंकि इनकी वजह से दबाव कम पड़ा।
जीतू ने कहा, मैं स्कोरबोर्ड के बारे में ज्यादा नहीं सोचता क्योंकि इनका मेरी मन:स्थिति पर असर पड़ता है। मैं सिर्फ अपने काम पर ध्यान लगा रहा था कि मुझे क्या करने की जरूरत है। मैं फाइनल के लिए क्वालीफाई करने के बारे में नहीं सोच रहा था। दो तीन खराब शॉट के बाद दबाव भी कम हो गया। जैसे कि आप अपनी गलतियों से सीख लेते हो, मैंने भी अपनी शुरूआती गलतियों से सीख लीं। इसके बाद दबाव थोड़ा कम हो गया और यह मेरे लिए अच्छा रहा।
उन्होंने कहा, यह ओलंपिक के बाद मेरा तीसरा अंतरराष्ट्रीय पदक है। मैंने विश्व कप फाइनल में रजत पदक जीता था और मैं चैम्पियंस आफ चैम्पियन रहा। इससे पहले विश्व कप कप में एक और स्वर्ण पदक जीता। खराब शुरूआत के बाद पदक की दौड़ में वापसी करने के बारे में जीतू ने कहा कि कोरिया के चांगवान में विश्व कप में भी उन्हें ऐसा ही अनुभव हुआ था।
जीतू ने कहा, कोरिया में भी ऐसा ही अनुभव रहा था। मैं बहुत अच्छा खेला था और मैंने लगातार 10 शॉट लगाए जिससे अंतिम स्थान से ऊपर की ओर बढ़ा था। मैं अंतिम स्थान से नहीं डरता क्योंकि मैं अंत तक हार नहीं मानता। स्वर्ण पदक जापान के तोमोयुकी मातसुदा के नाम रहा जिन्होंने 240.1 अंक का विश्व रिकार्ड बनाया जबकि वियतनाम के होआंग ने 236.6 अंक से रजत पदक हासिल किया।
दो अन्य भारतीय निशानेबाज ओमकार सिंह और अमनप्रीत सिंह एयर पिस्टल स्पर्धा में थे लेकिन वे क्वालीफिकेशन चरण से आगे नहीं बढ़ सके और क्रमश: 14वें और 19वें स्थान पर रहे। (भाषा)