नई दिल्ली। दो बार के ओलंपिक चैंपियन अमेरिका के विंसेट हैंकॉक ने आईएसएसएफ निशानेबाजी विश्वकप की आखिरी पुरुष स्कीट स्पर्धा का स्वर्ण पदक अपने नाम किया, जबकि भारतीय टीम इस बार अपने शानदार प्रदर्शन की बदौलत पहली बार टूर्नामेंट में चार स्वर्णों सहित सर्वाधिक नौ पदकों के साथ शीर्ष पर रही।
मैक्सिको के गुआदालाजरा में रविवार को संपन्न हुए विश्वकप में भारतीय टीम पहली बार आईएसएसएफ टूर्नामेंट में शीर्ष पर रही। भारत ने टूर्नामेंट में चार स्वर्ण, एक रजत और चार कांस्य सहित कुल नौ पदक जीते, जो उसका विश्वकप में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी है।
स्कीट स्पर्धा में भारत के तीन निशानेबाजों में स्मित सिंह 116 अंकों के साथ क्वालिफाइंग में 15वें स्थान, अंगद बाजवा 115 अंकों के साथ 18वें और शिराज शेख 112 अंकों के साथ 30वें स्थान पर रहे। बीजिंग और लंदन ओलंपिक के चैंपियन विंसेट ने बीजिंग और लंदन ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीते थे और 2015 में विश्व चैंपियनशिप में भी विजेता रहे थे।
लंबे समय बाद गुआदालाजरा से वापसी कर रहे विंसेट ने क्वालिफिकेशन में 125 में से 123 अंक हासिल किए और शीर्ष पर रहे तथा 60 में से 59 के स्कोर के साथ विश्व रिकॉर्ड की भी बराबरी की। ऑस्ट्रेलिया के पॉल एडम्स ने हालांकि विंसेट को काफी चुनौती दी लेकिन शूटऑफ में वह आगे रहे और स्वर्ण पर कब्जा किया, जबकि पॉल को रजत से संतोष करना पड़ा।
इटली के तमारो कासैंड्रो ने फाइनल में 49 का स्कोर हासिल करते हुए कांस्य पदक जीता। भारत के स्मित ने दिन की शुरुआत अच्छी की और शुरू में सातवें स्थान पर रहे, लेकिन राउंड 22, 23 और 24 में फिसल गए, वहीं अंगद भी क्वालिफाइंग से काफी दूर रह गए। शिराज का प्रदर्शन भी उन्हें फाइनल तक नहीं ले जा सका।
इससे पहले विश्वकप के शुरुआती दिनों में हालांकि भारतीय निशानेबाज़ों का प्रदर्शन काबिलेतारीफ रहा और टूर्नामेंट के इतिहास में पहली बार भारत पदक तालिका में शीर्ष पर रहा। टूर्नामेंट में शहज़ार रिज़वी, मनु भाकर, अखिल श्योरण, ओमप्रकाश मिथरवाल, अंजुम मुद्गिल और मेहुली घोष जैसे युवा खिलाड़ियों ने पदक दिलाए और अपने प्रदर्शन से प्रभावित किया, वहीं सीनियर निशानेबाज़ जीतू राय, संजीव राजपूत और रवि कुमार का प्रदर्शन प्रभावशाली नहीं रहा। (वार्ता)