नई दिल्ली। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को अभी तक 2022 राष्ट्रमंडल खेलो में से निशानेबाजी स्पर्धा को हटाने की अधिकारिक पुष्टि नहीं मिली है लेकिन उसने कहा कि वे आयोजकों से अपने फैसले पर दोबारा विचार करने के लिए कहेंगे।
ऐसी रिपोर्ट आ रही हैं कि निशानेबाजी को बर्मिंघम खेलों के कार्यक्रम में शामिल नहीं किया जाएगा। हालांकि मीडिया के कुछ वर्ग ने कहा कि अभी तक इस पर फैसला नहीं हुआ है। निशानेबाजी एक वैकल्पिक खेल है और यह प्रत्येक राष्ट्रमंडल खेलों में अनिवार्य 10 कोर खेलों में शामिल नहीं है।
मेजबान देश वैकल्पिक खेलों-स्पर्धाओं की सूची में सात को शामिल कर सकता है। निशानेबाजी को किंग्स्टन 1966 में शामिल करने के बाद से एडिनबर्ग 1970 को छोड़कर प्रत्येक राष्ट्रमंडल खेलों में इसका आयोजन होता रहा है। भारत राष्ट्रमंडल खेलों की निशानेबाजी स्पर्धा में शीर्ष प्रदर्शन करने वाले देशों में शामिल रहा है।
निशानेबाजी स्पर्धा में सर्वकालिक पदक तालिका में 56 स्वर्ण, 40 रजत और 22 कांस्य लेकर इस समय दूसरे स्थान पर है। इस पर प्रतिक्रिया करते हुए आईओए महासचिव राजीव मेहता ने कहा कि हमें 2022 राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजकों या सीजीएफ से कोई अधिकारिक सूचना नहीं मिली है। इसलिए मैं अभी निश्चित नहीं बता सकता हूं कि निशानेबाजी को हटा दिया गया है या नहीं।
उन्होंने कहा कि हम आयोजकों और सीजीएफ से इसके बारे में बात करेंगे और अगर इस तरह का फैसला लिया जाता है तो हम अपनी आपत्ति पेश करेंगे। अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी खेल महासंघ (आईएसएसएफ) और ब्रिटिश निशानेबाजी संस्था दोनों ने साल के शुरू में दावा किया था कि खेल को 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में शामिल किया जाएगा, लेकिन निशानेबाजी का बर्मिंघम खेलों में आयोजन शुरू से ही अनिश्चित रहा है।
क्योंकि मिडलैंड्स सिटी में सबसे करीबी ओलंपिक मानकों वाली रेंज 200 किमी से ज्यादा दूर सर्रे में बिस्ले में मौजूद है। बल्कि भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) के प्रतिनिधित्व पर आईओए ने सीजीएफ अध्यक्ष लुसे मार्टिन को सितंबर में पत्र लिखा था कि आयोजकों को निशानेबाजी को अपने कार्यक्रम में शामिल करने के लिए कहे। (भाषा)