लंदन। भारतीय महिला हॉकी टीम ने उतार-चढ़ाव के दौर से गुजरते हुए महिला हॉकी विश्व कप टूर्नामेंट के क्वार्टर फाइनल में पहुंचने की अपनी उम्मीदों को जिंदा रखा है और अंतिम 8 में जाने के लिए उसे मंगलवार को इटली की चुनौती से जूझना होगा।
भारत पूल 'बी' में आयरलैंड (6) और ओलंपिक चैंपियन इंग्लैंड (5) के बाद 2 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर रहा। टूर्नामेंट में हर पूल की शीर्ष टीम को सीधे क्वार्टर फाइनल में प्रवेश मिला है जबकि पूल 'बी' की दूसरे और तीसरे नंबर की टीम को दूसरे पूल की दूसरे और तीसरे नंबर की टीमों से क्रॉस मैच खेलना है। इन क्रॉस मैचों में विजेता टीम को फिर क्वार्टर फाइनल में पहले से मौजूद टीमों से खेलने का हक मिलेगा।
भारत ने जहां अपने पूल में 3 मैचों में 2 ड्रॉ खेले हैं और 1 हारा है जबकि इटली ने 3 मैचों में 2 जीते और 1 में उसे पराजय मिली है। इटली के इस रिकॉर्ड को देखते हुए भारत के लिए क्वार्टर फाइनल की राह कतई आसान नहीं है।
भारतीय टीम गोल करने के मामले में उतनी सक्षम नहीं दिखाई दे रही है जितना उसे विश्व कप में होना चाहिए। उसने इंग्लैंड से पहला मैच 1-1 से ड्रॉ खेला, दूसरे मैच में आयरलैंड से 0-1 की हार झेली और फिर तीसरे मैच में अमेरिका से 1-1 का ड्रॉ खेला। यानी 3 मैचों में अब तक भारतीय टीम सिर्फ 2 गोल कर पाई है।
दूसरी ओर इटली ने चीन को 3-0 और कोरिया को 1-0 से हराया है, जबकि हॉलैंड से उसे 1-12 की हार झेलनी पड़ी। भारतीय टीम इटली के हॉलैंड के खिलाफ प्रदर्शन से हौसला ले सकती है कि वह इस टीम को मात देने में कामयाब होगी लेकिन इसके लिए कप्तान रानी रामपाल सहित टीम की सभी खिलाड़ियों को गोल करने पर अपना ध्यान केंद्रित करना होगा। रानी ने ही अमेरिका के खिलाफ 31वें मिनट में बराबरी का गोल दागा था। (वार्ता)