मुम्बई। हीरो इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के फाइनल मुकाबलों ने समय-समय पर लोगों को चौंकाया है। प्लेआफ का परिणाम चाहे कुछ भी रहा हो, इस साल मुम्बई के फुटबॉल प्रेमियों को एक फाइनल मुकाबला और वह भी ड्रीम फाइनल देखने को मिल रहा है।
इसमें कोई शक नहीं कि बेंगलुरु एफसी और एफसी गोवा इस समय आईएसएल की दो बेहतरीन टीमें नहीं हैं। इस सीजन में गोवा ने मुम्बई को हराया और बेंगलुरु ने तमाम मुश्किलों का सामना करते हुए नार्थईस्ट युनाइटेड एफसी पर जीत हासिल कर फाइनल में जगह बनाई।
सर्गियो लोबेरा की गोवा की टीम का सामना चालर्स कुआडार्ट के बेंगलुरु एफसी से होने जा रहा है और यह एक बेहतरीन फाइनल होगा, इसमें कोई शक नहीं। लोबेरा ने कहा, मैं समझता हूं कि 180 मिनट के बाद फाइनल में जो भी पहुंचा है, वह उसका हकदार है। दोनों टीमों ने अच्छा खेल दिखाया है और अब खिताब के करीब हैं। हमारी कोशिश इस बार ट्राफी उठाने की होगी।
इस साल फाइनल में पहुंचने वाली दोनों टीमों की झोली अब तक खाली है। बेंगलुरु को बीते सीजन में फाइनल में चेन्नई से हार मिली थी। कुआडार्ट ने इस पर कहा, सभी के लिए फाइनल स्पेशल हैं। काफी टेंशन है। हम अपने प्लान पर बने रहना चाहते हैँ। हम शारीरिक और मानसिक तौर पर तैयार हैं। फुटबॉल में कई ऐसी बातें होती हैं, जो मैच का रुख बदल देती हैं।
यह सीजन दोनों टीमों के लिए काफी अच्छा रहा है। दोनों ने खूब गोल किए हैं और सबसे अधिक जीत हासिल करने वाले क्लबों में एक रहे हैं। गोवा ने जहां इस सीजन में 42 गोल किए हैं वहीं बेंगलुरु के नाम 35 गोल हैं। इन दोनों टीमों का खेलने का तरीका भी लगभग समान है। ये अटैक पर यकीन करती हैं और सीटी बजने के साथ भी विपक्षी टीम के पोस्ट की ओर भागने लगती हैं। एक तरफ जहां कई टीमों को काउंटर अटैक और डिफेंसिल अप्रोच पसंद रहा है वहीं गोवा और बेंगलुरू ने हमेशा से सीधे आक्रमण की बात की है।
ऐसे में जबकि इस सीजन का फाइनल तटस्थ स्थान पर हो रहा है, दोनों क्लबों को मैदान में समर्थन की जरूरत होगी। 2014 में जब आईएसएल की शुरुआत हुई थी, तब मुम्बई ने फाइनल मुकाबले की मेजबानी थी और वह फाइनल में पहुंचीं दोनों टीमों के लिए घरेलू मैदान नहीं था। एक बार फिर फाइनल मुम्बई में है और दो ऐसे क्लबों के बीच है, जो श्रेष्ठ फुटबॉल खेलती हैं। तो हर लिहाज से यह एक ड्रीम फाइनल है।