मॉस्को (रूस)। क्रोएशिया ने बेहद नाटकीय और उतार चढ़ाव से भरे फीफा विश्व कप फुटबॉल के दूसरे सेमीफाइनल में 1966 के विश्व चैम्पियन इंग्लैंड को अतिरिक्त समय में 2-1 से हराकर 15 जुलाई को फाइनल में फ्रांस से टक्कर लेने का हक प्राप्त कर लिया है। निर्धारित समय में दोनों टीमें 1-1 से बराबर थी। अतिरिक्त समय के दूसरे हाफ में क्रोएशिया के लिए विजयी गोल 119वें मिनट पर मारियो मंजुकिच ने इवान पेरिसिच के हैडर से आए पास पर दागा।
विश्व कप कप इतिहास में यह पहला मौका है जबकि क्रोएशिया फाइनल में पहुंचा है जबकि इंग्लैंड का 52 साल के बाद फायनल में पहुंचने का हसीन सपना टूट गया। इंग्लैंड के स्ट्राइकर किरेन ट्रिपिएर ने खेल के पांचवें मिनट पर 20 गज की दूरी से 'फ्री किक' को गोल में बदलकर टीम को 1-0 की बढ़त दिलाई थी लेकिन लेकिन 68वें मिनट पर क्रोएशिया के इवान पेरिसिच ने गोल करके स्कोर 1-1 से बराबर कर दिया।
क्रोएशिया के पेरिसिच ने 2014 के विश्व कप में 2 और इस विश्व कप में 2 गोल किए हैं। निर्धारित 90 मिनट के समय में दोनों टीमें 1-1 से बराबर रहने के कारण यह मैच एक्स्ट्रा टाइम में चला गया। क्रोएशिया पिछले दोनों मैच अतिरिक्त समय में खेलने के बाद सेमीफाइनल में पहुंचा है। दिलचस्प तथ्य यह भी है कि पिछले दोनों मैचों में क्रोएशिया पिछड़ने के बाद भी मैच जीता है और इस मैच में भी यही हुआ।
विश्व कप का इतिहास यह कहता है कि जो 18 सेमीफाइनल मैच हुए हैं उसमें से 17 बार उस टीम को फाइनल में पहुंचने में कामयाबी मिली है, जिसने मध्यांतर तक बढ़त ली है। इंग्लैंड और क्रोएशिया के बीच यह मुकाबला रूस के उसी लुजनिकी स्टेडियम में खेला जा रहा था, जहां विश्व कप 2018 की शुरुआत हुई थी। इंग्लैड के पास 52 साल के बाद फाइनल में पहुंचने का सुनहरा मौका था लेकिन किस्मत उससे रूठ गई।
विश्व कप कप इतिहास में सिर्फ दूसरी बार सेमीफाइनल में खेल रही क्रोएशिया की टीम इससे पहले फ्रांस में 1998 में सेमीफाइनल में पहुंची थी और तब उसे मेजबान टीम के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा। इंग्लैंड की टीम अब तीसरे स्थान के प्ले आफ में 14 जुलाई को सेंट पीटर्सबर्ग में बेल्जियम से भिड़ेगी। फाइनल इसके अगले इसी यहां लुजनिकी स्टेडियम में ही खेला जाएगा।
ल्युजिनी स्टेडियम में जमा 80 हजार दर्शकों में से 10 हजार दर्शक अपनी टीम का उत्साह बढ़ाने के लिए इंग्लैंड से आए थे, जिन्हें आंसुओं के साथ विदाई लेनी पड़ी। युवा खिलाड़ियों से लैस इंग्लैंड टीम 1990 के बाद दूसरी बार सेमीफाइनल मैच खेल रही थी। खेल की शुरुआत के पांचवें मिनट में ही इंग्लैंड ने बढ़त का गोल हासिल कर लिया था।
क्रोएशिया के कप्तान लुका मोड्रिच की गलती से इंग्लैंड को फ्री किक मिली, जिस पर ट्रिपिएर का कर्व लेता हुआ शॉट गोल में समा गया। क्रोएशिया के गोलकीपर डेनियल सुबासिच की कोशिश भी गोल रोकने में नाकाम रही। 1966 के विश्व कप के बाद फ्री किक पर गोल करने वाले ट्रिपिएर इंग्लैंड के दूसरे खिलाड़ी बन गए है। इससे पहले ऐसा कारनामा डेविड बेकहम ने 1998 और 2006 के विश्व कप में किया था।
इंग्लैंड ने आज मैच का गोल करते ही इस विश्व कप का 12वां गोल करके अपना पिछला रिकॉर्ड तोड़ दिया। 1966 में जब इंग्लैंड अपने ही घर में जर्मनी को हराकर विश्व चैम्पियन बना था, तब उसने 11 गोल दागे थे। रूस से ढाई हजार किलोमीटर दूर लंदन के हाइड पार्क में इस मैच को देखने के लिए 30 हजार फुटबॉल प्रेमी जमा थे, जिनके हाथ निराश ही लगी।
2017 में टर्की से हारने के बाद क्रोएशिया पिछले 9 मैच कभी नहीं हारा है। इस विश्व कप में भी उसने अपने पांचों मुकाबले जीतकर सेमीफाइनल के दरवाजे पर दस्तक दी है। इस मैच में इंग्लैंड के स्टार खिलाड़ी हैरी केन को गोल करने के दो सुनहरे मौके पहले हाफ में और दूसरे हाफ में एक मौका मिला, लेकिन वे इसे भुना नहीं पाए।
इंग्लैंड ने क्वार्टर फाइनल में स्वीडन को हराने वाली अपनी टीम में कोई बदलाव नहीं किया जबकि क्रोएशिया ने एक बदलाव करते हुए आंद्रेज क्रेमरिक की जगह मार्सेलो ब्रोजोविच को मौका दिया।
क्रोएशिया के खिलाड़ी शुरुआत में ही धैर्य खोते दिखे और उन्होंने अति उत्साह में गोल करने के लिए काफी दूर से शाट मारने शुरू कर दिए जिन्हें रोकने में पिकफोर्ड को बिलकुल भी परेशानी नहीं हुई। इंग्लैंड को 30वें मिनट में बढ़त दोगुनी करने का सुनहरा मौका मिला जब क्रोएशिया के पेनल्टी बाक्स में मची अफरातफरी के बाद गेंद हैरी केन के पास पहुंची। उन्हें सिर्फ सुबासिच को छकाकर गेंद को गोल में पहुंचाना था लेकिन गोलकीपर ने उनके शाट को रोक दिया। रिबाउंड पर हालांकि गेंद दोबारा केन के पास पहुंची और इस बार वह शाट को गोल पोस्ट पर मार बैठे।
क्रोएशिया को इसके कुछ मिनट बाद मौका मिला। एंटे रेबिच ने अच्छा मूव बनाया लेकिन जान स्टोन्स ने उनके हमले को नाकाम किया। गेंद हालांकि दोबारा इस स्ट्राइकर के पास पहुंच गई। रेबिच ने इसके बाद कमजोर शाट लगाया जिसे पिकफोर्ड ने आसानी से रोक दिया।
दोनों टीमों ने मध्यांतर से पहले कुछ अच्छे मूव बनाए लेकिन गोल करने में सफलता नहीं मिली जिससे गैरेथ साउथगेट की टीम हाफ टाइम तक 1-0 से आगे थी।