गुकेश, धोनी, पेरिस ओलंपिक मेडल के बीच गहरा कनेक्शन, यह शख्स रहा है हमेशा लकी

WD Sports Desk
शनिवार, 14 दिसंबर 2024 (17:12 IST)
World Chess Championship 2024 : हालही में भारत के गुकेश डी ने अपने नाम एक बड़ा खिताब किया है, 18 साल की आयु में वे वर्ल्ड चैस चैंपियनशिप (World Chess Championship 2024) का खिताब जीत ऐसा करने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बने। डी गुकेश उतार-चढ़ाव से भरे खिताबी मुकाबले की रोमांचक 14वीं और आखिरी बाजी में गत चैंपियन चीन के डिंग लिरेन (Ding Liren) को हराकर विश्व शतरंज चैंपियन बने। वह दिग्गज विश्वनाथन आनंद (Vishwanathan Anand) के बाद वैश्विक खिताब जीतने वाले दूसरे भारतीय हैं जिन्होंने 5 बार यह खिलब अपने नाम किया था।  
 
शंतरज दिमाग का खेल है, आपकी एक चाल इस खेल में गेम का पूरा रुख बदल सकती है, यहाँ तक कि आपका एक स्मार्ट मूव ही सामने वाले को हराने के लिए काफी होता है। ऐसे में खिलाड़ी का ध्यान पूरी तरह सिर्फ चालों पर केंद्रित होना जरुरी होता है, उसे इतना तक सोचकर रखना होता है कि अगर विरोधी खिलाड़ी की अगली चाल यह होगी तो मैं उसे उस चाल में कैसे मात दे सकता हूँ।

इस खेल में मानसिक तैयारी बेहद जरुरी होती है और सिर्फ इसी खेल में नहीं, हर खेल में आपको अपने अपोनेंट से एक कदम आगे रहने की सोच रखना होती है, ऐसे में इन खिलाड़ियों की मदद करता है मानसिक कोच और गुकेश के पीछे जिसका हाथ रहा है वे हैं पैडी अप्टन जिनका भारत से बहुत पुराना नाता है। वे खेल के बड़े मंचो पर टीम इंडिया के लिए हमेश लकी रहे हैं। 
 
इस साल की शुरुआत में कैंडिडेट्स टूर्नामेंट जीतने के बाद, गुकेश एक मानसिक कंडीशनिंग कोच की तलाश कर रहे थे और तब उन्होंने साउथ अफ्रीका के पैडी अप्टन से संपर्क किया। पैडी अप्टन 2008 और 2011 के बीच भारतीय क्रिकेट टीम के भी मानसिक कंडीशनिंग और रणनीतिक नेतृत्व कोच थे, जिसके दौरान टीम ने धोनी (MS Dhoni) की कप्तानी में ODI World Cup का खिताब भी अपने नाम किया था। हालही ही में, पेरिस ओलंपिक 2024 में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय पुरुष हॉकी टीम (Hockey Team) के भी पैडी मानसिक कंडीशनिंग कोच थे।
 
अपटन ने गुकेश की जीत के बाद कहा, ‘‘मुझे लगता है कि गुकेश के साथ काम करने की सबसे आकर्षक बात उनकी आत्म-जागरूकता का स्तर था। मेरी कोशिश यह परखने की थी कि वह अपने विचारों पर कैसी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। शतरंज की बिसात पर जरूरत से ज्यादा सोचते समय भी उन्होंने परिपक्व जागरूकता दिखायी। अगर उनका दिमाग भटका भी तो उन्होंने ने तुरंत काबू पा लिया।’’

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उन्होंने कहा, ‘‘ उसे बधाई, वह शुरुआत में 0-1 से पिछड़ने के बावजूद वह एक विश्व चैंपियन है क्योंकि वह खुद को प्रबंधित करने, ध्यान केंद्रित करने और खेल में बने रहने में सक्षम था। इतने बड़े आयोजन में शुरुआती झटके से उबरना आसान नहीं है।’’

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The Incredible Mental Coach Paddy Upton 

- Helped Gukesh to win World Championship 

- Helped India to win 2011 Cricket WC 
- Helped Hockey India to win the Olympic Medal pic.twitter.com/F50xocgakC

— The Khel India (@TheKhelIndia) December 12, 2024 >
अपटन ने गुकेश से कहा था कि सभी 14 बाजियों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए अधिक प्रयास करने की आवश्यकता नहीं थी।
 
उन्होंने कहा, ‘‘ एक चीज जो मैंने वास्तव में गुकेश में अच्छे से समझी, वह यह है कि जब एथलीट अपने जीवन के सबसे बड़े खेल के करीब पहुंचता है तो उसकी सबसे बड़ी गलती यह होती है कि वह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए अपना पूरा जोर लगाने में गलती कर बैठते हैं।’’
 
उन्होंने कहा, ‘‘ खिलाड़ी बड़े क्षणों में अत्यधिक प्रयास करते हैं। गुकेश के साथ बाद में मेरी जिम्मेदारी सिर्फ उसे अपना स्वाभाविक सर्वश्रेष्ठ शतरंज खेलने के लिए प्रेरित करने की थी। उससे यह समझाना था कि इससे परिणाम काफी अच्छे मिलेंगे।’’
 
गुकेश और अपटन के सामने सबसे बड़ी चुनौती तीन सप्ताह की गहन और थका देने वाली शतरंज के दौरान मानसिक मजबूती बनाए रखना थी।
 
अपटन और गुकेश के पास हालांकि इसकी योजना थी।
 
उन्होंने कहा, ‘‘ हम हमेशा से जानते थे कि यह तीन सप्ताह का मामला होगा। यह एक उतार-चढाव वाला मुकाबला होगा। यह लंबा और निरंतर चलने वाला था।’’

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PADDY UPTON, THE MAN BEHIND THE SCENES...!!!! ????

- With Indian team in 2011 WC.

- With Indian hockey team in 2024 Paris.

- With Gukesh in World Chess Championship 2024. pic.twitter.com/Isql2JkdS6

— Johns. (@CricCrazyJohns) December 12, 2024 >
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास एक बहुत स्पष्ट रणनीति थी। टूर्नामेंट से लगभग तीन सप्ताह पहले, हमने कोई भी नया काम करना बंद कर दिया था। मैंने उससे कहा, अब समय आ गया है कि हम बस वहीं करें जो हम पहले ही कर चुके हैं।’’
 
अपटन ने कहा, ‘‘ मैंने गुकेश को 18 दिनों का मानसिक रणनीति का सारांश दिया था। उन्हें और उनकी टीम को श्रेय दिया जाना चाहिए कि वे इसे क्रियान्वित करने में सक्षम थे।’’


 
गुकेश ने भी चैम्पियन बनने के बाद अपटन के योगदान की प्रशंसा की थी।
 
गुकेश ने खिताबी जीत के बाद कहा था, ‘‘12वें मैच के बाद मैं ठीक से सो नहीं पा रहा था। मैंने पैडी से बात की और मैंने कुछ बदलाव किए। उसके बाद, मैंने पिछले दो दिनों में कम से कम आठ घंटे अच्छी नींद ली। इसलिए मैं मुकाबलों में तरोताजा था। नींद बहुत महत्वपूर्ण है और मैंने बदलावों का सुझाव देने के लिए पैडी को धन्यवाद दिया। ’’ 

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