मेलबर्न। तीसरी वरीय बुल्गारिया के ग्रिगोर दिमित्रोव ने आंद्रे रुबलेव को हराकर शुक्रवार को ऑस्ट्रेलियन ओपन टेनिस टूर्नामेंट के प्री क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर लिया जबकि महिलाओं में चौथी रैंकिंग एलीना स्वीतोलीना ने भी सबसे युवा हमवतन खिलाड़ी पर जीत दर्ज कर ली।
26 साल के बुल्गारियाई खिलाड़ी ने रुब्लेव को पुरुष एकल के तीसरे दौर में 6-3, 4-6, 6-4 6-4 से हराकर चौथे दौर में प्रवेश कर लिया। दिमित्रोव ने इसी के साथ यूएस ओपन में मिली हार का भी बदला चुकता कर लिया। गत वर्ष के सेमीफाइनलिस्ट ने तीसरे सेट में हालांकि काफी गलतियां कीं लेकिन फिर संभलते हुए वापसी की।
महिलाओं में विश्व की चौथे नंबर की खिलाड़ी एलीना स्वीतोलीना ने हमवतन यूक्रेन की मार्टा कोस्तुक के खिलाफ आसानी से 6-2, 6-2 से जीत अपने नाम की और वर्ष 1997 के बाद पहली बार ग्रैंडस्लैम के तीसरे राउंड में पहुंचने वाली सबसे युवा खिलाड़ी 15 वर्षीय मार्टा का सपना तोड़ दिया। उनसे पहले क्रोएशिया की मिरजाना लुसी बरोनी ग्रैंडस्लैम में यहां तक पहुंचने वाली सबसे युवा खिलाड़ी थीं।
पुरुषों में विश्व के 11वें नंबर के खिलाड़ी पाब्लो कारीनो बुस्ता ने बिगर्स जाइल्स मूलर के खिलाफ तीसरे राउंड में 7-6, 4-6, 7-5, 7-5 से जीत दर्ज की। लग्जम्बर्ग के मूलर ने मैच में 74 विनर्स और 40 ऐस लगाए लेकिन 36 बेजां भूलें की, जो उनकी हार की वजह बन गई।
अन्य मैचों में 'बर्थडे गर्ल' क्रोएशिया की पेत्रा मार्तिच ने 7 वर्षों बाद ऑस्ट्रेलियन ओपन के चौथे दौर में जगह बनाई। उन्होंने थाई क्वालीफायर लुकसिका कुमकुम को 6-3, 3-6, 7-5 हराकर जन्मदिन का जश्न मनाया, वहीं चेक क्वालीफायर और विश्व की 130वीं रैंकिंग की खिलाड़ी डेनिसा एर्लेतोवा ने पोलैंड की माग्दा लिनेट को 6-1, 6-4 से हराया।
ब्रिटेन के काइल एडमंड ने जॉर्जिया के निकोलाज बासिलाशिविल के खिलाफ मैच में 70 विनर्स झोंकते हुए 7-6, 3-6, 4-6, 6-0, 7-5 से मैराथन संघर्ष में 3.30 घंटे बाद जाकर जीत दर्ज की। एडमंड मेलबोर्न में पहली बार प्री क्वार्टर फाइनल में पहुंचे हैं, जो उनका 2016 यूएस ओपन के बाद किसी ग्रैंडस्लैम में सबसे बेहतर परिणाम है।
इटली के आंद्रियस सेप्पी ने भी बिग सर्व इवो कार्लोविच को मैराथन संघर्ष में 6-3, 7-6, 6-7, 6-7, 9-7 से मात दी और लगातार दूसरे वर्ष चौथे दौर में अपनी जगह पक्की की। कार्लोविच ने मैच में 93 विनर्स और 52 ऐस लगाए लेकिन हिसेने एरेना में अपने 4 घंटों तक चले संघर्ष के बावजूद हार नहीं टाल सके। (वार्ता)