पेरिस। 8वी वरीयता प्राप्त एशले बार्टी ने शुक्रवार को यहां फ्रेंच ओपन के महिला सेमीफाइनल में अमांडा एनिसिमोवा पर जीत दर्ज कर पहले ग्रैंड स्लैम फाइनल में प्रवेश किया, जहां उनकी भिड़ंत मार्केटा वोंद्रोयूसोवा से होगी।
23 वर्षीय एशले ने 0-3 से पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए 17 वर्षीय अमांडा एनिसिमोवा को 6-7, 6-3, 6-3 से शिकस्त दी। वे सामंता स्टोसुर के बाद फ्रेंच ओपन के फाइनल में पहुंचने वाली पहली ऑस्ट्रेलियाई हैं, जो 2010 में उपविजेता रही थीं।
एशले इस प्रदर्शन के बूते अगले हफ्ते रैंकिंग में शीर्ष 3 में पहुंच जाएंगी। उन्होंने कहा कि यह मैच शानदार था- अच्छा और बुरा दोनों। यह हालांकि काफी मुश्किल था। मुझे खुद पर गर्व है कि मैंने इस तरह वापसी की और वो भी इतनी ठंडी व हवाभरी स्थिति में। अब मुझसे फाइनल के लिए इंतजार नहीं हो रहा। यह शानदार रहा।
फाइनल में अब एशेल का सामना चेक गणराज्य की 19 वर्षीय मार्केटा वोंद्रोयूसोवा से होगा जिसमें उनकी कोशिश 1973 के बाद पेरिस में पहली ऑस्ट्रेलियाई चैंपियन बनने की होगी। 1973 में मार्गेट कोर्ट पेरिस में चैंपियन बनने वाली ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी थीं।
मार्केटा ने ब्रिटेन की योहाना कोंटा को 7-5, 7-6 से शिकस्त देकर अपने पहले ग्रैंडस्लैम फाइनल में जगह सुनिश्चत की। वे अन्ना इवानोविच (2007) के बाद पेरिस फाइनल में पहुंचने वाली पहली युवा खिलाड़ी हैं।
हालांकि टूर्नामेंट के आयोजकों पर लिंगभेद का आरोप भी लग रहा है, क्योंकि बुधवार को बारिश के कारण मैच नहीं हो सके थे और उन्होंने मुख्य कोर्ट फिलिप चार्टियर से महिला वर्ग के सेमीफाइनल मैच हटाकर कोर्ट पर सुजाने लेंगलेन पर कराने का फैसला किया। मुख्य कोर्ट पर पुरुष वर्ग के मैच खेले जाएंगे। डब्ल्यूटीए ने इस फैसले के बारे में कहा कि यह फैसला अनुचित था।