Solar eclipse in america 2024: 25 मार्च 2024 को चंद्र ग्रहण के बाद अब 08 अप्रैल को खग्रास सूर्य ग्रहण होगा। खग्रास को पूर्ण सूर्य ग्रहण कहते हैं। यह सोलर एक्लिप्स भारत में नहीं दिखाई देगा परंतु यह अमेरिका का अधिकांश भू भाग पर नजर आएगा। इस सूर्य ग्रहण के दौरान अमेरिका के आसामान में एक 'शैतान' नजर आएगा। इस खगोलीय घटना के कारण अमेरिकी धरती पर 7 मिनट के लिए पूर्ण रूप से अंधेरा छा जाएगा। इसी दौरान बृहस्पति और शुक्र ग्रहों को भी सीधे देख सकेंगे।
सूर्य ग्रहण से प्रभावित क्षेत्रों में अमेरिकी सरकार और प्रशासन कई कदम उठा रहे हैं। यहां के स्कूल और कॉलेजों की छुट्टी कर दी गई है। अमेरिकी सरकार यह जानती है कि इस दुर्लभ घटना को देखने के लिए लाखों लोग सड़कों पर उतरेंगे इसलिए अभी से सुरक्षा इंतजाम किए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि सूर्यग्रहण के दौरान एनर्जी प्रॉडक्शन को नुकसान हो सकता है।
खग्रास सूर्य ग्रहण 2024- khagras surya grahan 2024:-
दिनांक : 8 अप्रैल 2024 सोमवार को रहेगा खग्रास सूर्य ग्रहण।
समय : भारतीय समय के अनुसार रात 09:12 मिनट पर शुरू होगा जबकि अमेरिका के हिसाब से उस समय दोपहर के करीब सवा 2 बज रहे होंगे। भारतीय समयानुसार मध्यरात्रि में 01:25 बजे यह ग्रहण समाप्त समाप्त होगा।
सूर्य ग्रहण की अवधि : सूर्य ग्रहण की कुल अवधि: 4 घंटे 25 मिनट रहेगी।
ग्रहण-नक्षत्र : यह ग्रहण मीन राशि और रेवती नक्षत्र में लगेगा।
छा जाएगा अंधेरा : ग्रहण के दौरान एक ऐसा समय होगा जबकि साढ़े 7 मिनट के लिए पूरा अंधेरा छा जाएगा। सूर्य ग्रहण की इतनी लम्बी अवधि 50 सालों बाद लगने जा रही है।
कहां दिखाई देगा सूर्यग्रहण : यह सूर्य ग्रहण उत्तरी अमेरिका (अलास्का को छोड़कर), कनाडा, मध्य अमेरिका, दक्षिण अमेरिका के उत्तरी भागों में, आर्कटिक, मेक्सिको, पश्चिमी यूरोप, पेसिफिक, अटलांटिक, इंग्लैंड के उत्तर पश्चिम क्षेत्र में, आयरलैंड में दिखाई देगा। यह ग्रहण खासकर अमेरिका में ज्यादा दृश्यमान होगा।
अमेरिकी आसमान में नजर आएगा 'शैतान' : टेंशन में अमेरिका : 50 साल बाद ऐसा होगा कि इस ग्रहण के चलते एक बहुत बड़े भू-भाग पर अंधेरा छा जाएगा। डर का एक कारण यह भी है कि ग्रहण के दौरान अमेरिकी आसमान में एक धूमकेतु भी नजर आएगा। आधिकारिक तौर पर पी12 के नाम से जाने वाले वाले इस धूमकेतु को शैतान धूमकेतु नाम इसकी शक्ल के चलते दिया गया है। पिछले वर्ष इसमें एक विस्फोट हुआ था जिसके चलते गैस और बर्फ के दो निशान बन गए थे जो किसी सींग की तरह दिखाई दे रहे हैं। एवरेस्ट पर्वत से तीन गुना ये धूमकेतु पृथ्वी की तरफ बढ़ रहा है। अंदाजा लगाया जा रहा है कि सूर्यग्रहण के दौरान सूर्य के करीब होने के चलते इसे नंगी आंखों से भी देखा जा सकेगा।