Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

Lunar Solar eclipse 2024 : 15 दिनों के भीतर चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण के योग से होगा कुछ बड़ा

सूर्य ग्रहण के दौरान धूमकेतु के धरती के नजदीक आने से होगा कुछ बड़ा

हमें फॉलो करें Solar Eclipse 2024

अनिरुद्ध जोशी

Chandra surya grahan 2024 Rashifal : 25 मार्च 2024 को वर्ष का पहला उपच्छाया चंद्र ग्रहण रहेगा। इसके बाद 8 अप्रैल 2024 सोमवार को खग्रास सूर्य ग्रहण होगा। यानी 15 दिनों के भीतर ही दो ग्रहण योग रहेंगे। इस तरह के ग्रहण से धरती पर कई तरह की उथल पुथल मचती है। इस बार भी दो ग्रहण पास पास पड़ रहे हैं तो जानें क्या होगा।
 
  • चंद्र ग्रहण 25 मार्च को होगा
  • सूर्य ग्रहण 08 अप्रैल को होगा
  • दो हफ्ते के भीतर होंगे 2 ग्रहण
  • चंद्र ग्रहण से भूकंप, तूफान और प्राकृतिक आपदाएं बढ़ेगी
  • सूर्य ग्रहण से कई देशों में राजनीतिक उथल-पुथल बढ़ जाएगी
  • सूर्य ग्रहण के दौरान धूमकेतु के धरती के नजदीक आने से होगा कुछ बड़ा
ALSO READ: Solar eclipse 2024 : 50 सालों बाद सूर्य ग्रहण से छा जाएगा अंधकार, शैतान से टेंशन में अमेरिका
40 दिनों के अंतराल में भूकंप : जब भी कोई ग्रहण पड़ता है या आने वाला रहता है तो उस ग्रहण के 40 दिन पूर्व तथा 40 दिन बाद अर्थात उक्त ग्रहण के 80 दिन के अंतराल में भूकंप कभी भी आ सकता है। कभी कभी यह दिन कम होते हैं अर्थात ग्रहण के 15 दिन पूर्व या 15 दिन पश्चात भूकंप आ जाता है। इस वर्ष 2024 में 2 ग्रहण एक साथ होने से धरती पर कई जगह भूकंप आ रहे हैं।
 
दो पूर्ण ग्रहण : यदि 2 पूर्ण ग्रहण सूर्य और चंद्र ग्रहण यदि पास पास पड़ रहे हैं तो भूकंप ग्रहण के एक दिन पूर्व या बाद में आने की संभावना बढ़ जाती है।
ग्रहण से कैसे आते हैं भूकंप : ग्रहण के कारण वायुवेग बदल जाता है, धरती पर तूफान, आंधी का प्राभाव बढ़ जाता है। समुद्र में जल की गति भी बदल जाती है। ऐसे में धरती की भीतरी प्लेटों पर भी दबाव बढ़ता है और दबाव के चलते वे आपस में टकराती है। वराह मिहिर के अनुसार भूकंप आने के कई कारण है जिसमें से एक वायुवेग तथा पृथ्वी के धरातल का आपस में टकराना है।
webdunia
Solar and Lunar Eclipse
किस ग्रहण का क्या असर : कहते हैं कि सूर्य ग्रहण के आने के बाद धरती से जुड़ी आपदाएं आती हैं और चंद्र ग्रहण के दौरान समुद्री आपदाएं यानि पानी से संबंधित आपदाएं अधिक आती हैं। समुद्र के जल के भीतर भी भूकंप आते हैं। सूर्य ग्रहण के कारण राजनीतिक उथल पुथल, विद्रोह, सामाजिक परिवर्तन, सत्ता परिवर्तन, बर्फ का पिघलना, क्लाइमेंट में बदलाव और लोगों की मानसिक स्थिति में बदलाव होता है।
धूमकेतु : 50 साल बाद ऐसा होगा कि इस सूर्य ग्रहण के चलते धरती के बड़े भू भाग पर अंधेरा छा जाएगा। ग्रहण के दौरान एक धूमकेतु के नजर आने की चर्चा भी हो रही है। इसे शैतान कहा जा रहा है। आधिकारिक तौर पर पी12 के नाम से जाने वाले वाले इस धूमकेतु को शैतान धूमकेतु नाम इसकी शक्ल के चलते दिया गया है। पिछले वर्ष इसमें एक विस्फोट हुआ था जिसके चलते गैस और बर्फ के दो निशान बन गए थे जो किसी सींग की तरह दिखाई दे रहे हैं। एवरेस्ट पर्वत से तीन गुना ये धूमकेतु पृथ्वी की तरफ बढ़ रहा है। अंदाजा लगाया जा रहा है कि सूर्यग्रहण के दौरान सूर्य के करीब होने के चलते इसे नंगी आंखों से भी देखा जा सकेगा।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

lunar eclipse On Holi: होली पर चंद्र ग्रहण के साथ ही सूर्य- राहु बालारिष्ट योग के चलते 4 राशियों पर खतरा