Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

6 मोटिवेशन टिप्स, सफलता आपके कदम चूमेगी

हमें फॉलो करें Story on Friendship

अनिरुद्ध जोशी

ऐसा कई क्षण आते हैं जबकि व्यक्ति निराश या हताश हो जाता है। वह खुद को हारा हुआ महसूस करता है और उसे लगता है कि अब जिंदगी में कुछ नहीं बचा। सबकुछ एबीसीडी से शुरू करना होगा। परंतु बहुत कम लोग होते हैं जो इस हाताशा और निराशा को मात देकर फिर से खड़े हो जाते हैं। आखिर वे कौनसे 10 मोटिवेशनल टिप्स है जो व्यक्ति को उत्साहित करके आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है। आओ जानते हैं कई टिप्स में से मात्र 10 टिप्स।
 
 
1. खुद को जीतना है दुनिया को नहीं : दुनिया में कई माहान लोग हुए हैं जिन्होंने दुनिया को जीत लिया था, परंतु शायद आपको यह नहीं मालूम की ये सभी महान लोग इसीलिए दुनिया की जीत पाए क्योंकि पहले इन्होंने खुद को जीता था। इन्होंने खुद के डर को, हताशा को, निराशा को और तमाम तरह की मानसिक कमजोरी को लात मार दी थी। क्या तुम भी लात मारने के लिए तैयार हो?
 
 
2. तुम क्या मानते हो इससे फर्क पड़ता है : तुम क्या सोचते, तुम क्या समझते या तुम क्या कहते हो इससे तुम्हारी जिंदगी में कोई फर्क नहीं पड़ता परंतु तुम क्या मानते हो इससे जरूर फर्क पड़ता है। इसलिए अपनी मान्यता पर पुन: विचार करो। कहीं ऐसा तो नहीं कि तुम कुछ गलत मान रहे हो और है कुछ और?
 
 
3. तुम क्या चाहते हो यह सोचो : तुम जीवन में क्या चाहते हो यह तुम कभी गंभीरता से सोचते हो? कई बार लोग अपनी चाहत बदलते रहते हैं। उन्हें जीवन में कोई वस्तु समय पर नहीं मिल पाती है। इसका कारण है कि वे कभी किसी को गंभीरता से चाहते ही नहीं है। कहते हैं कि कोई वस्तु इतनी शिद्दत से चाहो कि वो खुद तुम्हारे पास चली आए। कहते भी हैं कि एक साधे सब सधे और सब साधे कोई ना सधे।
 
 
4. दुविधा से बाहर निकलो : आप देखना ऐसा लोग बहुत है जो कपड़े या जूते खरीदने जाते हैं तो कभी डिसाइड नहीं कर पाते हैं कि क्या और कैसे खरीदूं। दुविधा के कारण आपका का आत्मविश्वास खो जाएगा। आप हर समय डरे-डरे से रहेंगे और दिमाग में द्वंद्व पैदा हो जाएगा। दिमागी द्वंद्व से विरोधाभास और भ्रम उत्पन्न होगा। भ्रम और द्वंद्व से नकारात्मक विचार उत्पन्न होंगे। नकारात्मक विचारों की अधिकता के कारण जीवन में कुछ भी अच्‍छा घटित होना बंद हो जाएगा। कहते हैं कि दुविधा में दोनों गये, माया मिली न राम।
 
 
5. चिंता, भय और अशांति है मृत्यु का द्वार : किसी भी प्रकार की चिंता करना, मन को अशांत रखना और व्यर्थ के भय को पालते रहने से मृत्यु आसपास ही मंडराने लगती है। मौत तो सभी को आनी है फिर चिंता किस बात की। कोई पहले मरेगा और कोई बाद में। चिंता का मुख्य कारण मोह है। जेलखान, दावाखाना या पागलखाना वह व्यक्ति जाता है जिसने धर्मसम्मत या संयमित जीवन नहीं जिया। बहुत महात्वाकांशी है या जिसने धन और शक्ति के आधार पर रिश्ते बना रखे हैं या जिसे अपनी संपत्ति की सुरक्षा की चिंता है। चिंत्तामुक्त जीवन सबसे बड़ी दौलत है। भय से हमारा इम्यून सिस्टम कमजोर होता है।
 
 
6.दीर्घसूत्री : कई लोग दीर्घसूत्री या दीर्घसूत्रा होते हैं।। इसका मतलब है कि जो काम आज करना है उसे वे कल पर टालते हैं और धीरे धीरे उनकी जिंदगी में कई कार्य पेंडिंग हो जाते हैं। इसीलिए कहा गया है कि काल करे सो आज कर, आज करे सो अब। पल में प्रलय होएगी, बहुरि करेगा कब। जीवन के किसी भी क्षेत्र में बेहतर रणनीति आपके जीवन को सफल बना सकती है और यदि कोई योजना या रणनीति नहीं है तो समझो जीवन एक अराजक भविष्य में चला जाएगा जिसके सफल होने की कोई गारंटी नहीं। 
 
संदर्भ : श्रीमद्भगवत गीता को पढ़कर लिखे गए सूत्र

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

हलवा देता है 10 पौष्टिक फायदे, जानिए कैसे बनाएं