16 दिवसीय पितृपक्ष आरंभ होने के साथ ही पितरों(पितृ) के प्रति श्रद्धा प्रकट करने का सुअवसर आरंभ हो गया है। जानिए 4 प्रकार के महादान जो पूर्वजों की शांति के लिए हर वंशज को करना चाहिए।
1) तिल दान
श्राद्ध में तिल दान करना महत्वपूर्ण होता है, काला तिल दान करने से इसका संपूर्ण फल पितरों को प्राप्त होता है। ऐसा करने से संकट के समय परिवार की रक्षा होती है।
2) घी-दूध का दान
श्राद्ध में श्रद्धापूर्वक गाय का शुद्ध देसी घी को ब्राह्मण को दान करने से घर में खुशहाली आती है।
3) अन्नदान
श्राद्ध में अन्नदान करना चाहिए, किसी भी गरीब व्यक्ति को भोजन खिलाएं और साथ ही अन्न भी दान करें। यह पितरों को तृप्ति प्रदान करता है।
4) वस्त्र दान
जो मनुष्य अपने पूर्वजों के निमित्त वस्त्र दान करते हैं उन पर पितरों का भक्ति भाव बना रहता है। वस्त्र दान से पितृ संतुष्ट होकर आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
5) फल दान
यह सर्वश्रेष्ठ दान है। किसी भी शिव मंदिर में 16 दिनों तक मौसम के फल दान करने से पितरों की आत्मा को परम शांति मिलती है। अगर 16 दिन तक ना कर सकें तो जिस दिन पूर्वज की तिथि है उस दिन अवश्य करें।