Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

Pitru Paksha 2023: पितृपक्ष में कुतुप मुहूर्त में करते हैं श्राद्ध, जानें यह क्या है और कब है?

हमें फॉलो करें Shraddha Paksha,
Kutup kaal Muhurat : भाद्रपद की पूर्णिमा से आश्‍विन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तक 16 दिन तक श्राद्ध पक्ष रहता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस बार 29 सितंबर 2023 शुक्रवार से पितृ पक्ष प्रारंभ हो रहे हैं। श्राद्धपक्ष में यदि आप पितरों के निमित्त, तर्पण, पिंडदान, पूजा आदि अनुष्ठान कर रहे हैं तो शास्त्रों के अनुसार कुतुप काल मुहूर्त में यह कर्म करें।
 
चार सबसे श्रेष्ठ समय : शास्त्रों के अनुसार कुतुप, रोहिणी, मध्याह्न और अभिजीत काल में श्राद्ध करना चाहिए। यही श्राद्ध करने का सही समय है।
 
क्या है कुतुप काल : कुतुप काल दिन के 11:30 बजे से 12:30 के मध्य का समय होता है। वैसे 'कुतुप बेला' दिन का आठवां मुहुर्त होता है। पाप का शमन करने के कारण इसे 'कुतुप' कहा गया है।
 
29 सितंबर को कब रहेगा कुतुप मुहूर्त : सुबह 11:53 से 12:41 तक।
 
अभि‍जीत मुहूर्त : अभिजीत मुहूर्त हर दिन के हिसाब से अलग अलग होता है। किसी दिन यह नहीं भी रहता है। यह कुतुप काल के आसपास का ही मुहूर्त होता है।
 
अभिजीत मुहूर्त : सुबह 11:53 से 12:41 तक।
 
रोहिणी काल : रोहिणी काल अर्थात रोहिणी नक्षत्र काल के दौरान श्राद्ध किया जा सकता है।
 
रोहिणी मुहूर्त : दोपहर 12:41 से 01:29 तक।
 
मध्याह्नकाल : यदि कुतुप, अभि‍जीत या रोहिणी काल ज्ञात न हो तो मध्याह्नकाल या अपराह्न काल में श्राद्ध करना श्रेष्ठ रहता है। यानी श्राद्ध का समय तब होता है जब सूर्य की छाया पैरों पर पड़ने लगे।
 
अपराह्न मुहूर्त: दोपहर 01:29 से 03:53 तक। 
 
उल्लेखनीय है कि 29 तारीख को पूर्णिमा श्राद्ध के साथ ही प्रतिपदा श्राद्ध भी रहेगा। श्राद्ध के अन्त में तर्पण किया जाता है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Anant Chaturdashi 2023: अनंत चतुर्दशी पर अनंत सूत्र बांधने के फायदे