महाशिवरात्रि पर्व पर कोई पूजा-पाठ नहीं कर सकते हैं तो ऐसे करें भगवान भोलेनाथ से प्रार्थना

Webdunia
नमस्ते हरसे शोचिषे नमस्तेऽअस्वचिषे। 
अन्यौस्तेऽअस्मन्तपन्तु हेतय: पावकोऽअस्मभ्य ॐ शिवो भव।। 
 
हे परमेश्वर। तेरे दुखहर्ता स्वरूप को नमन है, तेरे ज्ञाता स्वरूप को नमन है, तेरे प्रकाशदाता स्वरूप को नमन है। तुम्हारी दंड व्यवस्था हमसे भिन्न दूसरे दुष्ट पुरुषों के लिए तपाने वाली हो और आपका पवित्र स्वरूप हमारा कल्याण करने वाला रहे।। 
 
इस तरह भगवान शिव को नमस्कार कर शिवरात्रि के पर्व पर अपने दिन की शुरुआत करें। प्रात: स्नान कर भगवान शिव को पूरे परिवार सहित नमन करें। भगवान का पूजन घर पर या मंदिर में जाकर करें, भगवान स्वयंभू है। भोलेनाथ की पूजन से नाना प्रकार के कष्ट दूर होकर सुख प्राप्त होता है। 
 
जिनकी भक्ति में स्वयं भगवान राम लगे रहते है। देव, दानव एवं किन्नर सभी भगवान शिव की भक्ति से अनन्य सुख का अनुभव करते हैं। शिव विष्णु के ललाट रूप है। सृष्टि के संहारकर्ता है। स्पष्ट है। 
 
ॐ विष्णो ररात्मसि विष्णों रनप्त्रेस्तयो विष्णो: स्यूरसि विष्णोर्ध्रुवोडसि। वैष्णवमासि विष्णो त्वा।। 
 
- अर्थात् आप विष्णु के ललाट रूप हो, आप होठों के वाणी रूप हो, आप नि‍श्चय रूप से विष्णु से संबंध जुड़ाने वाले हो, आप विष्णु के लिए वैष्णव हो। 
 
शिव से स्वच्छ मन से सबके कल्याण की प्रार्थना करें। हे शिव! जिस-जिस दिशा में आपकी चेष्टा हो इधर-उधर से हमें अभय करो, हमारी प्रजा का कल्याण करो और हमारे पशुओं के लिए अभय हो, ऐसा कल्याण करो।

भगवान से प्रार्थना करें : 
 
महान यशस्वी परमेश्वर हमारा कल्याण करें। सर्वज्ञानी पुष्टिकर्ता परमेश्वर हमारा कल्याण करें।। दुखनाशक गुरुत्वमान हमारा कल्याण करें। सर्वमहान परमेश्वर हमारे लिए उत्तम सुख को धारण करें। 
 
हे परमेश्वर! आपके अक्रूर, क्रूर, क्रूरतर आदि समस्त रूद्र रूपों को नमस्कार है। 
 
पृथ्वी, सूर्य आदि के रस से पुष्ट यह जगत बनता है। इस जगत को सूक्ष्म और नियम में चलाने वाला ईश्वर है, जिसको सर्वप्रथम उत्कृष्ट कर्म करने वाला प्राप्त कर सकता है। 
 
शिवरात्रि पर यह संकल्प लें कि हम उत्कृष्ट कर्म करें, ताकि उसकी ही वापिस प्राप्ति हो। 
 
विश्वानि देव सवितर्दुरितानि परासुख। यद्‍-भद्रं तन्न आसुव। 
 
हे सबके उत्पादक देव। हमारी बुराइयों को दूर करिए और जो कल्याण कारक गुण, कर्म, स्वभाव है, वह हमें प्राप्त कराइए।। 
 
हम उस परमात्मा को जाने एवं हम उसका ध्यान करें। वह रूद्र रूप परमेश्वर हमें शुभ कर्मों में प्रेरित करें। 
 
तत्पुरुषाय विद्‍महे महादेवाय धीमाहि तन्नो रूद्र: प्रचोदयात्।। 
 
ॐ नम: शिवाय। 
 
इति शुभम्। 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Dev diwali 2024: कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिवाली रहती है या कि देव उठनी एकादशी पर?

Dev Uthani Ekadashi 2024 Date: 4 शुभ योग में मनाई जाएगी देव उठनी एकादशी, अक्षय पुण्य की होगी प्राप्ति

Shukra Gochar 2024: शुक्र का धनु राशि में गोचर, जानिए किसे होगा लाभ और किसे नुकसान

Kartik Purnima 2024: कार्तिक पूर्णिमा पर क्यों करते हैं दीपदान, जानिए इसके 12 फायदे

November Horoscope: क्या आपका बर्थ डे नवंबर में है, जानें अपना व्यक्तित्व

सभी देखें

धर्म संसार

08 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

08 नवंबर 2024, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

आंवला नवमी कब है, क्या करते हैं इस दिन? महत्व और पूजा का मुहूर्त

Prayagraj: महाकुम्भ में रेलवे स्टेशनों पर 10 क्षेत्रीय भाषाओं में होगी उद्घोषणा

Tulsi vivah 2024: देवउठनी एकादशी पर तुलसी के साथ शालिग्राम का विवाह क्यों करते हैं?

अगला लेख
More