मुंबई। उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में शेयर बाजारों में मंगलवार को लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में गिरावट आई और सेंसेक्स 106 अंक और टूट गया। हालांकि वैश्विक बाजारों की स्थिति कुछ सुधरी है लेकिन इसका लाभ यहां नजर नहीं आया। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपए ने भी 1 दिन पहले की रिकॉर्ड गिरावट से उबरते हुए वापसी की, लेकिन कारोबारी धारणा मोटे तौर पर जोखिम से बचने की रही। विदेशी निवेशकों की बिकवाली से भी घरेलू बाजारों पर दबाव देखा गया।
बीएसई के 30 शेयरों वाले सेंसेक्स की शुरुआत बढ़त के साथ हुई थी और दोपहर के सत्र में इसने मजबूती भी पकड़ी। लेकिन मुनाफावसूली के दबाव में अंतिम घंटे में बिकवाली का जोर रहा। अंत में सेंसेक्स 105.82 अंक यानी 0.19 प्रतिशत के नुकसान से 54,364.85 अंक पर बंद हुआ। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 61.80 अंक यानी 0.38 प्रतिशत की गिरावट के साथ 16,240.05 अंक पर आ गया।
सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में टाटा स्टील सर्वाधिक 6.95 प्रतिशत के नुकसान में रही। इसके अलावा सन फार्मा, एनटीपीसी, टाइटन, बजाज फाइनेंस, रिलायंस इंडस्ट्रीज, टेक महिंद्रा और आईटीसी के शेयर भी नीचे आए। इसके उलट हिन्दुस्तान यूनिलिवर, एशियन पेंट्स, इंडसइंड बैंक, अल्ट्राटेक सीमेंट, मारुति सुजुकी, कोटक महिंद्रा, एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी लिमिटेड के शेयर 3.24 प्रतिशत तक की बढ़त पर रहे।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि भारतीय बाजार ने वैश्विक बाजारों के अनुरूप चलना शुरू कर दिया है। घरेलू संस्थागत निवेशकों और खुदरा निवेशकों से मिलने वाला समर्थन घट रहा है। वित्तीय तरलता कम होने से अर्थव्यवस्था के सुस्त पड़ने और शेयर की कीमत घटने का अंदेशा है।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के खुदरा शोध प्रमुख दीपक जसानी ने कहा कि निफ्टी दिन के ऊंचे स्तर पर टिक नहीं पाया और लगातार तीसरे दिन गिरावट के साथ बंद हुआ। यूरोपीय शेयर बाजार बढ़त पर रहे, क्योंकि निचले स्तर पर खरीद के लिए निवेशक सामने आए। व्यापक बाजार में बीएसई स्मॉलकैप 2.11 प्रतिशत और मिडकैप 1.98 प्रतिशत की गिरावट पर रहा।
एशिया के अन्य बाजारों में जापान का निक्की, हांगकांग का हैंगसेंग और द. कोरिया का कॉस्पी गिरावट के साथ बंद हुए जबकि चीन का शंघाई कंपोजिट बढ़त पर रहा। यूरोप के शेयर बाजारों में दोपहर के सत्र में मजबूती का रुख देखा गया। इसके पहले सोमवार को अमेरिका के शेयर बाजारों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई थी। इस बीच अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.82 फीसदी की गिरावट के साथ 104 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपए में मजबूती रहने से यह अपने रिकॉर्ड निचले स्तर से उबरने में सफल रहा। सोमवार को यह 77.44 रुपए प्रति डॉलर के निम्नतम स्तर पर रहा था। विदेशी संस्थागत निवेशकों का भारतीय बाजारों से निकासी का सिलसिला जारी है। शेयर बाजारों से मिले आंकड़ों के मुताबिक विदेशी निवेशकों ने सोमवार को 3,361.80 करोड़ रुपए के शेयर बेचे।