मुंबई। अमेरिका में नीतिगत ब्याज दर में अगले माह फिर बढ़ोतरी किए जाने के फेडरल रिजर्व के संकेत और वैश्विक बाजारों में कमजोरी के रुझानों के बीच शुक्रवार को घरेलू शेयर बाजारों में हल्की गिरावट रही।
बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 79.13 अंक यानी 0.22 प्रतिशत गिरकर 35,158.55 अंक पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 13.20 अंक यानी 0.12 प्रतिशत घटकर 10,585.20 अंक पर आ गया।
बाजार के जानकार लोगों के अनुसार वैश्विक बाजारों में से कमजारी के संकेतों के बीच बाजार में घट-बढ़ सीमित दायरे में रही। स्थानीय निवेशकों को खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों का इंतजार है। अक्टूबर की मुद्रास्फीति के आंकड़े सोमवार को आने हैं। हाल में ईंधन पर करों के घटाने से इस बार खुदरा मुद्रास्फीति नीचे रहने की उम्मीद है।
बाजार के जानकारों का यह भी कहना है कि आगामी विधानसभा चुनावों और कच्चे तेल की कीमतों में कमी पर निवेशकों की नजर बनी रहेगी। इसके अलावा रुपए में मजबूती और बॉण्ड यील्ड (बॉण्ड में निवेश पर प्राप्तियों) की दिशा से भी बाजार की दिशा तय होगी।
सेंसेक्स पर सबसे ज्यादा गिरावट भारती एयरटेल के शेयर में देखने को मिली। मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस द्वारा कंपनी की रेटिंग गिराने के बाद इसका शेयर 2.45 प्रतिशत गिरा। इसके अलावा इंफोसिस, टीसीएस, रिलायंस, एसबीआई, टाटा स्टील और आईटीसी के शेयरों में भी 2.15 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई।
दूसरी तरफ यस बैंक का शेयर सबसे अधिक लाभ में रहा। यह 5.49 प्रतिशत तक चढ़ गया। इसके अलावा एशियन पेंट्स, अडाणी पोर्ट, सन फार्मा, हीरो मोटोकॉर्प, हिन्दुस्तान यूनिलीवर और मारुति के शेयरों में 3.79 प्रतिशत तक की बढ़त देखी गई।
कच्चे तेल की कीमतों के गिरने से विमानन कंपनियों का शेयर लाभ में रहा। इंटरग्लोब एविएशन और स्पाइस जेट के शेयर में 3 प्रतिशत तक की तेजी दर्ज की गई, वहीं हिन्दुस्तान पेट्रोलियम, भारत पेट्रोलियम और ऑइल इंडिया का शेयर भी 4.70 प्रतिशत तक चढ़ गया।
ब्रेंट कच्चे तेल का वायदा भाव 1.08 प्रतिशत गिरकर 70 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आकर 69.90 डॉलर पर चल रहा था। यूरोपीय बाजारों में जर्मनी का प्रमुख सूचकांक DAX शुरुआती कारोबार में 0.49 प्रतिशत नीचे चल रहा था। इसके विपरीत यूरोप की 50 शीर्ष सूचीबद्ध कंपनियों वाला स्टॉक्स 50ई भी 0.69 प्रतिशत ऊपर था। (भाषा)