मुंबई। टैरिफ और बौद्धिक संपदा को लेकर विश्व की दो आर्थिक महाशक्तियों चीन और अमेरिका के संबंधों की कड़वाहट दूर करने की दिशा में प्रयास करने की खबरों से वैश्विक बाजार के साथ-साथ घरेलू शेयर बाजार ने भी शुक्रवार को जमकर उड़ान भरी।
बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 579.68 अंक यानी 1.68 प्रतिशत की तेज छलांग लगाकर 35,011.65 अंक पर और एनएसई का निफ्टी भी 172.55 अंक यानी 1.66 प्रतिशत की तेज बढ़त में 10,553.00 अंक पर बंद हुआ।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ इस माह अर्जेंटीना में होने वाले जी20 के सम्मेलन में व्यापार समझौता करने के प्रति अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इच्छुक होने की खबरों से एशियाई बाजारों के बाद यूरोपीय बाजार भी बढ़त में आ गए। चीन की अर्थव्यवस्था पर अमेरिका से जारी तनाव का असर दिखने लगा है, जिससे निवेशकों को वैश्विक अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी पड़ने की आशंका है।
अमेरिका के नए रुख से निवेशकों का भरोसा बढ़ा है। इसके अलावा ईरान पर अमेरिका के प्रतिबंध के लागू होने के बाद भी भारत सहित आठ देशों को ईरान से कच्चा तेल खरीदने देने की छूट देने पर अमेरिका के सहमत होने की रिपोर्ट से भी शेयर बाजार में उत्साह का माहौल रहा।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल 29 सेंट यानी 0.4 प्रतिशत लुढ़ककर 72.60 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। इससे तेल एवं गैस समूह के सूचकांक में 2.46 प्रतिशत की बढ़त रही। वाहन बिक्री के सकारात्मक आंकड़ों के दम पर ऑटो समूह के सूचकांक में सर्वाधिक 4.05 फीसदी की तेजी दर्ज की गई। सेंसेक्स में सबसे अधिक कमाऊ कंपनी मारुति सुजुकी रही, जिसके शेयरों के भाव 6.37 प्रतिशत बढ़ गए।
भारतीय मुद्रा भी सकारात्मक माहौल के बल पर 72 रुपए प्रति डॉलर के स्तर पर पहुंच गई। अभी बोल्ट मेलबर्न में हैं और वे जल्द ही अपनी पूर्व व्यावसायिक प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए यूरोप रवाना होंगे। (वार्ता)