Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

सोमवती अमावस्या पर इस कथा को पढ़ने और सुनने से मिलता है शुभ फल, धन का आशीष

हमें फॉलो करें सोमवती अमावस्या पर इस कथा को पढ़ने और सुनने से मिलता है शुभ फल, धन का आशीष
Somvati Amavasya 2022
 
सोमवती अमावस्या कथा-Somvati amavasya Katha
 
धार्मिक ग्रंथों में सोमवती अमावस्या (Somvati amavasya) को लेकर कई कथाएं प्रचलित हैं। उनमें से एक है गरीब ब्राह्मण परिवार की कथा। (Somvati amavasya Story)। उनकी एक कन्या थी जो कि बहुत ही प्रतिभावान एवं सर्वगुण संपन्न थी। जब वह विवाह के योग्य हो गई तो ब्राह्मण ने उसके लिए वर खोजना शुरू किया। कई योग्य वर मिले परंतु गरीबी के कारण विवाह की बात नहीं बनती। एक दिन ब्राह्मण के घर एक साधु आए। कन्या के सेवाभाव देख साधु बहुत प्रसन्न हुए और दीर्घायु होने का आशीर्वाद दिया। 
 
ब्राह्मण के पूछने पर साधु ने कन्या के हाथ में विवाह की रेखा न होने की बात कही। इसका उपाय पूछने पर साधु ने बताया कि पड़ोस के गांव में सोना नामक धोबिन (Sona Dhobin) का परिवार है। कन्या यदि उसकी सेवा करके उससे उसका सुहाग मांग ले तो उसका विवाह संभव है। साधु देवता की बात सुनकर कन्या ने धोबिन की सेवा करने का मन ही मन प्रण किया। उसके अगले दिन से कन्या रोज सुबह उठकर धोबिन के घर का सारा काम कर आती थी। 
 
एक दिन धोबिन ने बहू से कहा कि तू कितनी अच्छी है कि घर का सारा काम कर लेती है। तब बहू ने कहा कि वह तो सोती ही रहती है। इस पर दोनों हैरान हुई कि कौन सारा काम कर जाता है। दोनों अगले दिन सुबह की प्रतीक्षा करने लगी। तभी उसने देखा कि एक कन्या आती है और सारा काम करने लगती है। तो धोबिन ने उसे रोक कर इसका कारण पूछा तो कन्या सोना धोबिन के पैरों पर गिर पड़ी और रो-रोकर अपना दुःख सुनाया। धोबिन उसकी बात सुनकर अपना सुहाग देने को तैयार हो गई।

 
अगले दिन सोमवती अमावस्या का दिन था। सोना को पता था कि सुहाग देने पर उसके पति का देहांत हो जाएगा। लेकिन उसने इसकी परवाह किए बगैर व्रत करके कन्या के घर गई और अपना सिंदूर कन्या की मांग में लगा दिया। उधर सोना धोबिन के पति का देहांत हो गया। लौटते समय रास्ते में पीपल के वृक्ष की पूजा अर्चना की तथा 108 बार परिक्रमा किया। घर लौटी तो देखा कि उसका पति जीवित हो गया है। उसने ईश्वर को कोटि-कोटि धन्यवाद दिया। 
 
तब से यह मान्यता है कि सोमवती अमावस्या को पीपल के वृक्ष (Pipal Tree) की पूजा करने से सुहाग की उम्र लंबी होती है। इस कथा को पढ़ने से जहां शुभ फल मिलता है वहीं अपार धन-संपत्ति का भी आशीष मिलता है।

webdunia

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

षटतिला एकादशी कब है, व्रतकथा सहित जानिए मंत्र, शुभ मुहूर्त, महत्व, पूजा विधि और पारण का समय