Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

51 Shaktipeeth : श्री अंबिका विराट राजस्थान शक्तिपीठ-51

हमें फॉलो करें Ambika Shakti Peeth Virat

अनिरुद्ध जोशी

देवी भागवत पुराण में 108, कालिकापुराण में 26, शिवचरित्र में 51, दुर्गा शप्तसती और तंत्रचूड़ामणि में शक्ति पीठों की संख्या 52 बताई गई है। साधारत: 51 शक्ति पीठ माने जाते हैं। तंत्रचूड़ामणि में लगभग 52 शक्ति पीठों के बारे में बताया गया है। प्रस्तुत है माता सती के शक्तिपीठों में इस बार श्री अंबिका विराट राजस्थान शक्तिपीठ के बारे में जानकारी।
 
 
कैसे बने ये शक्तिपीठ : जब महादेव शिवजी की पत्नी सती अपने पिता राजा दक्ष के यज्ञ में अपने पति का अपमान सहन नहीं कर पाई तो उसी यज्ञ में कूदकर भस्म हो गई। शिवजी जो जब यह पता चला तो उन्होंने अपने गण वीरभद्र को भेजकर यज्ञ स्थल को उजाड़ दिया और राजा दक्ष का सिर काट दिया। बाद में शिवजी अपनी पत्नी सती की जली हुई लाश लेकर विलाप करते हुए सभी ओर घूमते रहे। जहां-जहां माता के अंग और आभूषण गिरे वहां-वहां शक्तिपीठ निर्मित हो गए। हालांकि पौराणिक आख्यायिका के अनुसार देवी देह के अंगों से इनकी उत्पत्ति हुई, जो भगवान विष्णु के चक्र से विच्छिन्न होकर 108 स्थलों पर गिरे थे, जिनमें में 51 का खास महत्व है। 
 
विराट- अम्बिका शक्तिपीठ : विराट ग्रहम में दाएं पैर की अंगुली गिरी थीं। इसकी शक्ति है अंबिका और भैरव या शिव को अमृत कहते हैं। कुछ विद्वानों के अनुसार यह शक्तिपीठ राजस्थान की राजधानी गुलाबी नगरी जयपुर से उत्तर में महाभारतकालीन विराट नगर के प्राचीन ध्वंसावशेष के निकट एक गुफा में है, जिसे 'भीम की गुफा' भी कहते हैं। यहीं के विराट ग्राम में यह शक्तिपीठ स्थित है। जयपुर तथा अलवर दोनों स्थानों से विराट ग्राम तक जाने के लिए साधन हैं। यह मंदिर यहां के विराटनगर के बैरत गांव में हैं।
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

51 Shaktipeeth : लंका इंद्राक्षी श्रीलंका शक्तिपीठ-50