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विश्व धरोहर दिवस : ये 10 इमारतें भारत की अनमोल विरासत हैं

हमें फॉलो करें Konark Surya Mandir
, मंगलवार, 18 अप्रैल 2023 (11:41 IST)
World Heritage Day 2023: प्रतिवर्ष 18 अप्रैल को विश्व धरोहर दिवस मनाया जाता है। साल 2023 में विश्व विरासत दिवस/ विश्व धरोहर दिवस की थीम 'विरासत परिवर्तन' (Heritage changes) रखी गई है। भारत में कुल 3691 ऐसे स्मारक और स्थल हैं, जो कि धरोहर की श्रेणी में आते हैं तथा इसमें से 40 स्थल यूनेस्को विश्व धरोहर में नामित हैं। आओ जानते हैं भारत की 10 अनमोल इमारतें।
 
1. कैलाश मंदिर : महाराष्ट्र के ओरंगाबाद जिले में अजंता एलोरा की गुफाएं हैं। इसी में एलोरा क्षेत्र में एक प्राचीन मंदिर स्थित है जिसे कैलाश मंदिर कहते हैं। यह एक ही चट्टान से निर्मित भव्य मंदिर है। इसे राष्ट्रकूट वंश के नरेश कृष्ण (प्रथम) द्वारा (757-783 ई.) में निर्मित कराया गया था। 
 
2. कोणार्क मंदिर : 1984 में यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत की सूची में शामिल विश्व प्रसिद्ध कोणार्क सूर्य मंदिर 13वीं शताब्दी में बनाया गया था। यह मंदिर उड़ीसा राज्य के पवित्र शहर पुरी के पास स्थिति है।
 
3. ताज महल : उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित इस महल को हिन्दू दावों के अनुसार तेजोमहालय कहते हैं। यमुना नदी के किनारे सफेद पत्थरों से निर्मित अलौकिक सुंदरता की तस्वीर 'ताजमहल' न केवल भारत में, बल्कि पूरे विश्व में अपनी पहचान बना चुका है।
 
4. कुतुब मीनार : दिल्ली में स्थिति कुतुब मीनार को हिन्दू दावों के अनुसार विष्णु स्तंभ या सूर्य स्तंभ कहा जाता है। कहते हैं कि कुतुबमीनार का निर्माण मोहम्मद गोरी के गुलाम कुतुबुद्दीन ऐबक ने 1193 में शुरू करवाया था। हिन्दू दावों के अनुसार इसे चंद्रगुप्त विक्रमादित्य के राज (375-412 ईस्वी) में बनवाया गया था।
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5. हवा महल : राजस्थान के जयपुर में स्थित इस महल की 953 खिड़कियां हैं। हर तरफ से हवाएं आती हैं और ठंडक का अहसास होता है। पांच मंजिला यह महल महाराजा सवाई जय सिंह के पोते सवाई प्रताप सिंह ने सन् 1799 में बनवाया था।
 
6. बृहदीश्वर मंदिर : तमिलनाडु के तंजावुर या तंजौर का बृहदीश्वर मंदिर जिसे 'बड़ा मंदिर' कहते हैं। इस भव्य मंदिर को सन 1987 में यूनेस्को ने विश्व धरोहर घोषित किया। कहते हैं कि राजाराज चोल प्रथम ने 1004 से 1009 ईस्वी सन् के दौरान इस मंदिर का निर्माण कराया था।
 
7. सांची के स्तूप : विदिशा जिले से मात्र दस किमी दूर स्थित सांची अपने बौद्ध स्तूपों के लिए प्रसिद्ध है। यह यूनेस्को के विश्व विरासत स्थल में शामिल है। यूनेस्को ने सांची स्तूप को 1989 में विश्व विरासत स्थल घोषित किया था। सांची में स्तूपों का निर्माण तीसरी ईसा पूर्व से बारहवी शताब्दी तक चलता रहा।
 
8. दिलवाड़ा मंदिर : राजस्थान के सिरोही जिले में माउंट आबू के पास में स्थित दिलवाड़ा का जैन मंदिर भी बहुत ही भव्य है। इस मंदिर का निर्माण 11वीं से 13वीं शताब्दी के बीच हुआ था। 
 
9. चेरामन जुमा मस्जिद : केरल के त्रिशूर जिले में स्थित चेरामन जुमा मस्जिद भारत की पहली मस्जिद है जिसका निर्माण 629 ईस्वी में मलिक बिन दीनार ने कराया था। मलिक दीनार कोडुंगालुर के शासक चेरामन पेरुमल का समकालीन था। पहले इस जगह पर बौद्ध धर्म का पूजा स्थल था। अब यह मस्जिद राष्ट्रीय धरोहर है। 
 
10. बेसीलिका ऑफ बोम जीसस चर्च : यह चर्च गोवा में स्थित है। गोवा के सरंक्षक संत सेंट फ्रांसिस जेवियर के अवशेष आज भी यहां पर रखे हुए हैं। इसे विश्‍व विरासत की सूची में शामिल किया गया है। इसी के साथ ही केरल का सेंट फ्रांसिस चर्च भी बहुत ही पुराना और संवरक्षित चर्च है।

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