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मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
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मां अष्टलक्ष्मी के प्रत्येक रूप : धन-वैभव और सुख-संपदा के लिए जानिए मां लक्ष्मी के स्वरूप

हमें फॉलो करें मां अष्टलक्ष्मी के प्रत्येक रूप : धन-वैभव और सुख-संपदा के लिए जानिए मां लक्ष्मी के स्वरूप
मां लक्ष्मी की कृपा से मनुष्य को धन-वैभव और सुख- संपदा की प्राप्ति होती है। मां लक्ष्मी के आठ अलग-अलग रूप हैं, जिन्हें अष्टलक्ष्मी कहा गया है। अष्टलक्ष्मी की आराधना से मनुष्य की सभी समस्याओं का नाश होता है और वह समृद्धि, धन, यश, ऐश्वर्य व संपन्नता प्राप्त करता है। जानिए लक्ष्मी जी के इन आठ रूपों अर्थात अष्टलक्ष्मी के रहस्य को - 
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 ॐ धनलक्ष्म्यै नम:
1  धनलक्ष्मी - लक्ष्मी मां, धनलक्ष्मी के रूप में अपने भक्तों की आर्थिक समस्याओं और दरिद्रता का नाश कर उसे धन-दौलत से परिपूर्ण कर घर में बरकत देती हैं। धन लक्ष्मी धनलक्ष्मी की कृपा प्राप्ति से व्यर्थ का व्यय, कर्ज और समस्त आर्थ‍िक परेशानियों से मुक्ति मिलती है।
 
ॐ यशलक्ष्म्यै नम:  
2 यशलक्ष्मी - यशलक्ष्मी या ऐश्वर्य लक्ष्मी रूप में लक्ष्मी जी की आराधना करने से मनुष्य को संसार में मान-सम्मान, यश, ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। यश प्रदान करने वाली यह देवी भक्त को विद्वत्ता और विनम्रता के गुण प्रदान करती है और सांसारिक शत्रुता समाप्त करती हैं।

ॐ आयुलक्ष्म्यै नम:
3 आयुलक्ष्मी - लंबी आयु और रोमुक्त जीवन यापन करने के लिए आयुलक्ष्मी के रूप में मां लक्ष्मी को पूजा जाता है। मां का यह रूप शारीरिक और मानसिक रोगों से मुक्ति देता है और मनुष्य की आयु में वृद्धि करता है।
 
ॐ वाहनलक्ष्म्यै नम: 
4  वाहनलक्ष्मी - वाहन की इच्छा रखने वाले मनुष्य के लिए वाहनलक्ष्मी की आराधना करना श्रेष्ठ होता है। वाहनलक्ष्मी की कृपा से वाहन सुख प्राप्त होता है और वाहनों का समुचित उपयोग भी होता है। 

ॐ स्थिरलक्ष्म्यै नम:
5  स्थिरलक्ष्मी - स्थिरलक्ष्मी की आराधना करने से मां लक्ष्मी घर में अन्नपूर्णा रूप में स्थाई रूप में निवास करती हैं। इनकी कृपा से घर में किसी प्रकार की कमी नहीं होती और घर सदैव धन-धान्य से भरा रहता है। 
 
ॐ सत्यलक्ष्म्यै नमः
6  सत्यलक्ष्मी - सत्यलक्ष्मी की कृपा से मनुष्य को घर की लक्ष्मी अर्थात मन के अनुकूल पत्नी की प्राप्ति होती है, जो एक अच्छी मित्र, सलाहकार व जीवन संगिनी  बनकर सदैव साथ देती है।
 
ॐ संतानलक्ष्म्यै नम:
7  संतानलक्ष्मी - संतानहीन दंपत्त‍ि द्वारा संतानलक्ष्मी की आराधना करने से संतान की प्राप्ति होती है और उसका वंश वृद्ध‍ि करता है। संतानलक्ष्मी के रूप में देवी मां इच्छानुसार संतान देती है। 
 
ॐ गृहलक्ष्म्यै नम:
8 गृहलक्ष्मी - गृहलक्ष्मी के रूप में मां लक्ष्मी की आराधना करने से स्वयं के घर का सपना पूरा होता है। इसके अलावा घर संबंधी अन्य समस्याओं का हल भी शीघ्र ही हो जाता है। इस रूप में मां संपदा प्रदान करती है।
 
मत मतांतर से अष्टलक्ष्मी के भिन्न- भिन्न नाम व रूपों के बारे में बताया गया है, जो इस प्रकार भी हैं - 
 
1 धनलक्ष्मी या वैभवलक्ष्मी  
2 गजलक्ष्मी  
3 अधिलक्ष्मी  
4 विजयालक्ष्मी  
5 ऐश्वर्य लक्ष्मी  
6 वीर लक्ष्मी 
 7 धान्य लक्ष्मी  
8 संतान लक्ष्मी।
 
इसके अलावा कहीं-कहीं पर 1 आद्यलक्ष्मी  2 विद्यालक्ष्मी  3 सौभाग्यलक्ष्मी  4 अमृतलक्ष्मी 5 कामलक्ष्मी  5 सत्यलक्ष्मी, 6 विजयालक्ष्मी , भोगलक्ष्मी एवं योगलक्ष्मी के रूप में पूजा जाता है
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