Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

होली और रंगों का ज्योतिष आपकी आंखें खोल देगा

हमें फॉलो करें होली और रंगों का ज्योतिष आपकी आंखें खोल देगा
, बुधवार, 16 मार्च 2022 (18:23 IST)
Holi Colors astrology
Holi 2022: होली का त्योहार रंग, नृत्य और गान का त्योहार है। इसमें रंगों का खासा महत्व रहता है। रंगों का हमारे जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ता है। होली पर ज्योतिष और वास्तु के अनुसार करें रंगों का उपयोग तो होगा बहुत ही लाभ। आओ जानते हैं कि ज्योतिष होली के रंगों के बारे में क्या कहता है।
 
 
ज्योतिष के अनुसार रंग (Colors of Holi according to astrology):
 
रंगोली : होली के दिन होलिका दहन के आसपास और घर के बाहर रंगोली बनाने का प्रचलन है। होली का डांडा जहां गाड़ा जाता है वहां और घर के द्वार के बाहर और भीतर रंगोली बनाते हैं। रंगोली बनाने के लिए पीला, गुलाबी, हरा और लाल रंग का उपयोग करें क्योंकि ये रंग मां लक्ष्मी को प्रिय है। इससे उनकी कृपा बनी रहेगी और घर का वास्तु दोष भी दूर होगा।
 
 
गृह दोष दूर करने हेतु : गृह दोष दूर कर घर में पॉजिटिव एनर्जी बढ़ाने के लिए होली के दिन घर के बाहर हमें हल्के नीले, सफेद, पीले, नारंगी, क्रीम आदि लाइट रंगों का उपयोग करना चाहिए परंतु घर के भीतर हर कमरे और उसकी दीवारों का रंग तो वास्तु अनुसार ही चयन करना चाहिए, क्योंकि रंगों का हमारे जीवन पर बहुत ज्यादा असर होता है। दीवारों के रंगों के अनुसार ही घर के पर्दे, चादर और तकियों का रंग भी होना चाहिए। यदि आप इसका ध्यान रखते हैं तो आने वाली बहुत-सी परेशानियों से बच जाएंगे।
 
गृह दिशा : होली के दिन घर की दिशा के अनुसार गुलाल या रंगों का उपयोग करें। जैसे यदि आपका मकान पूर्वमुखी है तो लाल, हरा, गुलाबी, नारंगी रंग का उपयोग करें। इससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहेगी। यदि उतरमुखी भवन है तो आसमानी, पीला और नीले रंग प्रयोग कर सकते हैं। इससे घर में उन्नति और नए अवसरों को बढ़ावा मिलेगा।
 
कौन-सा रंग पहनें : होली के दिन सफेद रंग के कपड़े पहने जाते हैं क्योंकि यह चंद्रमा का प्रतीक हैं। सफेद रंग के कपड़े आपके अंदर विनम्रता और सहनशीलता लाते हैं। होली खेलने के लिए गहरे रंग के कपड़ों का उपयोग न करें।
 
webdunia
holi vastu 2022
1. हरा : हरा रंग जहां माता दुर्गा और बुध ग्रह का रंग है वहीं यह माता लक्ष्मी का रंग भी है। यह रंग सौभाग्य का रंग भी माना जाता है। प्रकृति का रंग हरा ही है। जब भी महिलाएं साड़ी पहनती है तो उसमें पीले के साथ हरा रंग भी मिला होता है। यह रंग सुख, शांति और खुशी देता है।  हरा रंग सुहाग और संपन्नता का प्रतीक भी माना जाता है, क्योंकि कई धार्मिक रिति-रिवाजों में हरे रंग के बिना कई शुभ कार्य अधूरे माने जाते हैं। कई स्थानों पर तो जब बेटी की गोद भराई की रस्म की जाती हैं तो विशेष तौर पर हरे रंग की साड़ी, हरे रंग की चुड़ियां ही भेंट की जाती है।
 
2. लाल : लाल रंग माता लक्ष्मी का ही रंग है। यह मंगलकारी, सौभाग्य, उत्साह, ऊर्जा, हर्ष, सेहत और प्रसन्नता के साथ ही पराक्रम का रंग भी है। लाल टीका शौर्य एवं विजय का प्रतीक है। प्राय: सभी देवी-देवताओं की प्रतिमा पर लाल रोली का टीका लगाया जाता है। धन की देवी लक्ष्मीजी को भी मंगलकारी लाल वस्त्र पहनाए जाते हैं। लाल रंग धन, विपुल संपत्ति, समृद्धि और शुभ-लाभ को प्रकट करने वाला है। हिन्दू धर्म में विवाहित महिला लाल रंग की साड़ी और हरी चूड़ियां पहनती है।
 
 
3. पीला : यह रंग ज्ञान और विद्या, सुख, शांति, धन, समृद्धि, बुद्धि, अध्यात्म, शिक्षा, धर्म, और देवी देवताओं का रंग है। श्रीहरि विष्णु और श्रीकृष्ण को यह रंग प्रिय है। भगवान विष्णु का वस्त्र पीला है। भगवान श्रीकृष्ण भी पीताम्बर से सुसज्जित हैं। भगवान गणेश की धोती पीली और दुपट्टा नीला या हरा रखा गया है। पीला रंग सूर्यदेव, मंगल और बृहस्पति जैसे ग्रहों का भी प्रतिनिधित्व करता है।
 
 
4. गुलाबी : गुलाबी रंग को भाग्य, प्रेम और सौभाग्य का सूचक माना जाता है। माता लक्ष्मी जिस कमल पर विराजमान है और उनके हाथ में जो कमल का फूल है वह गुलाबी रंग का ही है। गुलाबी रंग से सकारात्मक वातावरण बनता है। गुलाबी रंग को सीतलता प्रदान करने वाला भी कहा गया है। यह रंग जहां भी होता हैं वहां प्रेम अपने आप बरसने लगता है। यही वजह है कि यह रंग भगवान श्री कृष्णा और राधा रानी को पसंद है। भगवान श्री राम और माता सीता को भी यह पसंद है।
 
 
5. केसरिया : यह रंग धर्म, ज्ञान, त्याग, तपस्या और वैराग्य का रंग है। यह रंग शुभ संकल्प का सूचक है। यह रंग पहनने वाला अपने ‍कर्तव्य और नैतिक उन्नति के प्रति हमेशा दृढ़ संकल्प रहता है। भगवा या केसरिया सूर्योदय और सूर्यास्त का रंग भी है, मतलब हिन्दू की चिरंतन, सनातनी, पुनर्जन्म की धारणाओं को बताने वाला रंग है यह। केसरिया रंग त्याग, बलिदान, ज्ञान, शुद्धता एवं सेवा का प्रतीक है। शिवाजी की सेना का ध्वज, राम, कृष्ण और अर्जुन के रथों के ध्वज का रंग केसरिया ही था। केसरिया या भगवा रंग शौर्य, बलिदान और वीरता का प्रतीक भी है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

17 मार्च 2022 को होली है, जानिए होलिका दहन से लेकर पूजन और रंग खेलने तक क्या-क्या करें, 20 काम की बातें