आज हिमालय दिवस, जानिए हिमालय के 10 रहस्य

अनिरुद्ध जोशी
शुक्रवार, 9 सितम्बर 2022 (11:56 IST)
भारत के उत्तराखंड में 9 सितंबर को हिमालय दिवस मनाया जाता है। हिमालय के संवरक्षण, पर्यावरण और पर्यटन के महत्व को दर्शाने के लिए यह दिवस मनाया जाता है। हिमालय को धरती का केंद्र माना जाता है क्योंकि इसके उत्तर में उत्तरी ध्रुव और दक्षिण में दक्षिणी ध्रुव है। इसी के साथ यहां पर हजारों पहाड़ियों की श्रृंखलाएं हैं, जो मानव को आकर्षित करती हैं और जहां छुपे हैं अनगिनत रहस्य।
 
1. एक्सिस मुंडी : हिमालय धरती के मध्य भाग में स्थित है। यहां का कैलाश पर्वत तो चमत्कारों की खान है जिसे एक्सिस मुंडी (Axis Mundi) कहा जाता है। हजारों किलोमीटर क्षेत्र में फैला हिमालय चमत्कारों की खान है।
 
2. मैग्नेटिक हिल : हिमालय में कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जिन्हें मैग्नेटिक हिल कहते हैं। मैग्नेटिक हिल पर गाड़ियां अपने आप ही पहाड़ चढ़ने लगती है। यहां कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जहां जाने पर इलेक्ट्रॉनिक उपकरण अचानक काम करना बंद कर देते हैं। घड़ियों का समय अचानक ही बदल जाता है।
 
3. सबसे बेहतर वातावरण : हिमालय की वादियों में रहने वालों को कभी दमा, टीबी, गठिया, संधिवात, कुष्ठ, चर्मरोग, आमवात, अस्थिरोग और नेत्र रोग जैसी बीमारी नहीं होती। वैज्ञानिक शोधानुसार हिमालय में रहने वाला लंबी उम्र तक निरोगी रहकर जीवित रहता है।
 
4. देव स्थान : मुण्डकोपनिषद् के अनुसार सूक्ष्म-शरीरधारी आत्माओं का एक संघ है। इनका केंद्र हिमालय की वादियों में उत्तराखंड में स्थित है। इसे देवात्मा हिमालय कहा जाता है। इन दुर्गम क्षेत्रों में स्थूल-शरीरधारी व्यक्ति सामान्यतया नहीं पहुंच पाते हैं।
 
5. प्रकृति का खजाना: हिमालय के कुछ प्रमुख शिखरों में सबसे महत्वपूर्ण सागरमाथा हिमालय, एवरेस्ट, अन्नपूर्णा, गणेय, लांगतंग, मानसलू, रोलवालिंग, जुगल, गौरीशंकर, कुंभू, के 2, लहोत्से, मकालू, चो ओयू, नागा, नैनादेवी, धौलागिरी और कंचनजंघा हैं। सिंधु, गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र और यांगतेज बड़ी नदियां हैं जो हिमालय से ही निकलती है। हिमालय में विश्व की सबसे सुंदर और अद्भुत झीलें हैं। कहते हैं कि हिमालय में 4,699 झीलें पाई जाती हैं। हिमालय में ग्लेशियरों का कुंभ है। यहां पर अद्भुत फूल उगते हैं जिसमें नारिलता, ब्रह्म कमल, नील कमल, कृष्ण कमल और अन्य कई तरह के दुर्लभ कमल के फूल हिमालय में ही पाए जाते हैं। हिमालय में उबसे ऊंचे पेड़ पाए जाते हैं। चीड़, पाइन और देवदार महत्वपूर्ण शंकुधारी पेड़ हैं जो इन जंगलों में पाए जाते हैं। इसी के साथ दुनिया के सबसे ऊंचे हिल स्टेशन भी यहीं पर है।
6. येति मानव : मान्यता है कि येति का निवास हिमालय में ही है। येति या यति एक विशालकाय हिम मानव है जिसे देखे जाने की घटना का जिक्र हिमालय के स्थानीय निवासी करते आए हैं। येति आज भी एक रहस्य है। इसी के साथ पुराणों के अनुसार विवस्ता नदी के किनारे मानव की उत्पत्ति हुई थी। प्रसिद्ध समाज विज्ञानी कालचेंटर के अनुसार मनुष्य प्राकृतिक रूप से फल और अनाज पर निर्भर करता है अतः हिमालय का क्षेत्र ही मानव की स्वाभाविक जन्मस्थली है।
 
7. कस्तूरी मृग : हिमालय में ऐसे कई जीव-जंतु हैं, जो बहुत ही दुर्लभ है। उनमें से एक दुनिया का सबसे दुर्लभ मृग है कस्तूरी मृग। इस मृग की कस्तूरी बहुत ही सुगंधित और औषधीय गुणों से युक्त होती है। कस्तूरी मृग की कस्तूरी दुनिया में सबसे महंगे पशु उत्पादों में से एक है। यह कस्तूरी उसके शरीर के पिछले हिस्से की ग्रंथि में एक पदार्थ के रूप में होती है।
 
8. सिद्धाश्रम, मठ और गुफाओं का रहस्य : हिमालय में जैन, बौद्ध और हिन्दू संतों के कई प्राचीन मठ और गुफाएं हैं। मान्यता है कि गुफाओं में आज भी कई ऐसे तपस्वी हैं, जो हजारों वर्षों से तपस्या कर रहे हैं।
 
9. चमत्कारिक जड़ी-बूटियां : हनुमानजी हिमालय के एक क्षेत्र से ही संजीवनी का पर्वत उखाड़कर ले गए थे। हिमालय ही एकमात्र ऐसा क्षेत्र है, जहां दुनियाभर की जड़ी-बूटियों का भंडार है। हिमालय में ऐसी भी कई चमत्कारिक जड़ी-बूटियां हैं जिनका वर्णन अथर्ववेद, आयुर्वेद और जड़ी-बूटियों के ग्रंथों में मिलता है। सोमवल्ली, संजीवनी बूटी, अरुंधती, ब्रह्मकमल जैसी वनस्पतियां हिमालय के एक विशेष क्षेत्र में पाई जाती हैं। कहते हैं कि सैंकड़ों वर्ष तक जिंदा रहने का राज हिमालय में ही छिपा हुआ है।
 
10. एलियंस रहते हैं हिमालय में?: विश्वभर के वैज्ञानिक मानते हैं कि धरती पर कुछ जगहों पर छुपकर रहते हैं दूसरे ग्रह के लोग। उन जगहों में से एक हिमालय है। भारतीय सेना और वैज्ञानिक इस बात को स्वीकार नहीं करते लेकिन वे अस्विकार भी नहीं करते हैं। भारतीय सेना और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) की यूनिटों ने सन् 2010 में जम्मू और कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र में उडऩे वाली अनजान वस्तुओं (यूएफओ) के देखे जाने की खबर दी थी। लेकिन बाद में इस खबर को दबा दिया गया।

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