पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की शब्द और भाषा पर काफी अच्छी पकड़ थी। विरोधी दल भी उन्हें शांति से सुनता था। उनके शब्दों में कड़वाहट जरूर होती थी लेकिन फिर भी विपक्ष उनके आसपास खड़ा रहता था। अटल बिहारी वाजपेयी ने राजनीति, साहित्य और समाज में अपनी एक अमिट छाप छोड़ी है। वे सभी के दिलों पर राज करते थे। सत्र के दौरान दिए गए भाषण, पढ़ी गई कविताएं, उनके प्रेरक विचार हमेशा अपनी मौजूदगी का एहसास कराते रहेंगे। विपक्ष भी उनका पूरा सम्मान दिल से करता था। कोई भी शख्सियत हो उनका सम्मान करना कोई नहीं भूले। अटल बिहारी वाजपेयी के बारे में 20 रोचक तथ्य -
1. उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति, आर्थिक सलाह समिति, व्यापार एवं उद्योग समिति भी गठित की।
2. उन्होंने आवश्यक उपभोक्ता सामग्रियों की कीमतों को नियंत्रित करने के लिये मुख्यमंत्रियों का सम्मेलन बुलाया, उड़ीसा के सर्वाधिक गरीब क्षेत्र के लिए सात सूत्री गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम शुरू किया।
3.आवास निर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए अर्बन सीलिंग एक्ट समाप्त किया तथा ग्रामीण रोजगार सृजन एवं विदेशों में बसे भारतीय मूल के लोगों के लिए बीमा योजना शुरू की।
4. भाजपा में रहते हुए अयोध्या कांड उनके जीवन के लिए हमेशा कलंक रहा।
5. 1999 का कारगिल युद्ध और 2001 में संसद पर हमला उनके कार्यकाल में ही हुआ।
6. शहीद सैनिकों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए ताबूतों में हुए भ्रष्टाचार उनके जीवन पर दूसरा बड़ा दाग है।
7. अटल बिहारी वाजपेयी को राम और उनके निकट सहयोगी रहे लालकृष्ण आडवाणी को लक्ष्मण की जोड़ी के रूप में जाना जाता था।
8.पाकिस्तान के साथ संबंधों में सुधार के लिए अटल बिहारी वाजपेयी ने दिल्ली से लाहौर के बीच बस सेवा शुरू की। और वे स्वयं उस बस में बैठकर पाकिस्तान गए थे।
9.1975 से 1977 में आपातकाल के दौरान उन्हें बंदी बनाया गया था।
10. मशहूर गायक जगजीत सिंह ने उनकी कविताओं अपनी एल्बम में आवाज दी थी।
11. डॉ० श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के निर्देशन में राजनीति का पाठ पढ़ा।
12. 1957 से 1977 जनता पार्टी की स्थापना तक अटल जी बीस वर्ष तक लगातार जनसंघ के संसदीय दल के नेता रहे।
13. 1942 में वे महात्मा गांधी द्वारा चलाए गए 'अंग्रेजों भारत छोड़ो' आंदोलन का हिस्सा बनें। और वे आगरा जेल में करीब 24 दिन तक रहे।
14. 1948 में अटल जी ने वाराणसी में बतौर पत्रकार काम किया था।
15. 1950 में जब अटल जी और आडवाणी जी एक साथ दिल्ली में रहते थे तो अटल जी उन्हें खिचड़ी बनाकर खिलाते थे।
16. 1957 में पहली बार बलरामपुर, उत्तर प्रदेश से लोक सभा के लिए चुने गए. इसी समय उन्होंने लखनऊ और मथुरा से भी चुनाव लड़ा था जिसे वे हार गए थे।
17. उनके लिए राष्ट्र से बढ़ कर कुछ नहीं था इसीलिए उन्होंने आजीवन विवाह नहीं किया और हमेशा India First के सिद्धांत पर चलते रहे।
18. भाषा व वाणी पर गजब की पकड़ होने के कारण उन्हें सरस्वती पुत्र भी कहा जाता है।
19. अटल जी जरूर कड़वा सच बोलते थे लेकिन अहंकार का जरा भी कण नहीं था। वे कहते थे -
मेरे प्रभु!
मुझे इतनी ऊँचाई कभी मत देना
गैरों को गले न लगा सकूँ
ऐसी रुखाई कभी मत देना
20. पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर उन्हें “गुरुदेव” कह कर बुलाते थे।