श्वेतांबर जैन समाज के पर्युषण महापर्व शुरू, त्याग, तप और श्रद्धा से मनाया जाएगा यह पर्व

Webdunia
गुरुवार, 6 सितंबर 2018 से समग्र श्वेताम्बर जैन समाज के पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व प्रारंभ हो गए हैं। पर्युषण को आत्मशुद्धि का पर्व माना गया है। इन 8 दिनों में समग्र धर्मावलंबी भगवान की आराधनाओं में लीन रहेंगे। 
 
पर्युषण पर्व एक दिन का है और उससे संबंधित अष्टाह्निका महोत्सव होने से यह पर्व 8 दिन का होता है। संवत्सरी पर्व क्षमापना पर्व है। इसी के अंतर्गत 10 सितंबर को भगवान महावीर का जन्मवाचन होगा, तत्पश्चात संवत्सरी महापर्व मनाया जाएगा। संवत्सरी महापर्व पर वारसा सूत्र वाचन तथा संवत्सरी प्रतिक्रमण होगा।
 
दरअसल पर्युषण दो शब्दों से मिलकर बना है- परि और उषण। 'परि' का मतलब है- चारों तरफ से और 'उषण' का अर्थ है- रहना। अर्थात चारों तरफ से मन को उठाकर आत्मा के पास रहने का पर्व है पर्युषण। इसका मुख्य उद्देश्य बैर का विसर्जन और मैत्री की प्रभावना है। 
 
पर्युषण में आत्मा को निर्मल व कोमल बनाने के लिए कल्पसूत्र का वाचन किया जाता है। कल्पसूत्र साक्षात कल्पवृक्ष है। समस्त जैन धर्मावलंबी भाद्रपद मास में पर्युषण पर्व मनाते हैं, जिसमें श्वेताम्बर संप्रदाय के पर्युषण 8 दिन चलते हैं। उसके पश्चात दिगंबर जैन धर्मावलंबी 10 दिन तक पर्युषण मनाते हैं। जिसे दसलक्षण के नाम से संबोधित किया जाता है। 
 
6 सितंबर से 13 सितंबर तक मनाए जाने वाले इस महापर्व में विधिवत धर्म आराधना होगी, जिसमें 8 दिनों तक व्याख्यान, प्रतिक्रमण, धर्म चर्चा, शास्त्र वाचन, प्रार्थना, धार्मिक प्रतियोगिता आदि होंगे।

ALSO READ: महापर्व पर्युषण क्या है, जानिए
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

केतु मचाएगा देश और दुनिया में तबाही, 18 माह संभलकर रहना होगा

बाबा वेंगा की साइलेंट किलर वाली भविष्यवाणी हुई सच! जानिए कैसा रहेगा वर्ष 2025

शनि मंगल का षडाष्टक योग और खप्पर योग कब तक रहेगा, 4 राशियों को रहना होगा सतर्क

राहु के कुंभ राशि में गोचर से देश और दुनिया में होंगे ये 5 बड़े बदलाव

2025 में कब मनाई जाएगी अपरा एकादशी, जानें पूजन के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

सभी देखें

धर्म संसार

ज्येष्ठ मास का दूसरा बड़ा मंगल आज, जानें हनुमान जी को चोला चढ़ाने के 5 बेहतरीन फायदे

राहु का कुंभ में गोचर, इन लक्षणों से जानिए कि क्या हो रहा है दुष्प्रभाव, बचने के उपाय

बड़ा मंगल पर हनुमान जी को भोग लगाने से होंगे ये चमत्कारिक लाभ

राजा महीध्वज की कथा: अपरा एकादशी का प्रभाव

Aaj Ka Rashifal: आज आपके सितारे क्या कह रहे हैं, जानिए 20 मई 2025 का राशिफल

अगला लेख