मुंबई। शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) ने गुरुवार को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस को असफल गृहमंत्री करार देते हुए दावा किया कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब है और किसान आत्महत्या कर रहे हैं। शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में अरुणाचल प्रदेश के 11 स्थानों के नाम बदलने की चीन की हरकत पर चेतावनी तक नहीं जारी करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भी निशाना साधा गया।
'सामना' में कहा गया कि पाकिस्तान को खोखली धमकियां दी जा रही हैं, लेकिन चीन का क्या जिसने भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की है। इस सप्ताह की शुरुआत में उद्धव ठाकरे ने पार्टी की एक महिला कार्यकर्ता पर कथित रूप से ठाणे में प्रतिद्वंद्वी शिवसेना के कार्यकर्ताओं द्वारा हमला किए जाने के बाद फडणवीस को 'बेकार गृहमंत्री' कहा था। फडणवीस ने तब पलटवार करते हुए कहा था कि वे एक कारतूस हैं जबकि ठाकरे एक कमजोर मुख्यमंत्री थे जिन्होंने सत्ता के लिए अपनी विचारधारा को छोड़ दिया। उन्हें महत्व देने की जरूरत नहीं है।
उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में एक अवमानना याचिका की सुनवाई के दौरान कड़ी टिप्पणी की थी। इस याचिका में महाराष्ट्र सहित कई राज्य प्राधिकारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी, जो कथित रूप से नफरती भाषण देने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने में नाकाम रहे।
न्यायालय ने कहा था कि हम इस अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रहे हैं, क्योंकि कई राज्य समय पर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। ऐसा इसलिए है, क्योंकि राज्य पौरूषहीन, शक्तिहीन हो गए हैं और समय पर कार्रवाई नहीं करते हैं। अगर राज्य मौन हैं तो उसका मतलब ही क्या है? शीर्ष अदालत ने याचिका पर महाराष्ट्र से जवाब तलब करते हुए उसे 28 अप्रैल के लिए सूचीबद्ध कर दिया था।
'सामना' में उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी का जिक्र करते हुए कहा गया कि महाराष्ट्र को पौरूषहीन बनाने वाले को 'बेकार' नहीं तो और क्या कहा जाए। संपादकीय में दावा किया गया कि किसान आत्महत्या कर रहे हैं, लेकिन सरकार को कोई चिंता नहीं है। राज्य में कानून-व्यवस्था चरमरा रही है।
मराठी समाचार-पत्र में कहा गया कि आप बेकार हैं या नहीं इसका फैसला आप खुद करें, लेकिन आप एक असफल गृहमंत्री हैं। शासन का मतलब प्रतिशोध लेना नहीं है। संपादकीय में कहा गया है कि आप केंद्रीय एजेंसियों की मदद के बिना कुछ नहीं हैं, जो आपको बारूद देते हैं।
संपादकीय में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट से धनुष और बाण का चुनाव चिह्न छीनने का भी आरोप लगाया गया। निर्वाचन आयोग ने इस साल की शुरुआत में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे वाले गुट को धनुष और बाण का चुनाव चिह्न दे दिया था।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta