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कश्मीर में दो आतंकियों की घर वापसी

हमें फॉलो करें कश्मीर में दो आतंकियों की घर वापसी

सुरेश एस डुग्गर

श्रीनगर , मंगलवार, 5 दिसंबर 2017 (14:17 IST)
श्रीनगर। आतंकवाद की राह पर कदम बढ़ा चुके अपने बच्चों को पुकारने वाली कश्मीर की अनगिनत मांओं की मेहनत रंग लाने लगी है। ताजा घटना में दो युवा आतंकवाद का दामन छोड़कर घर लौट चुके हैं। हालांकि अभी भी कई मां अपने बच्चों को पुकार रही हैं और उन्हें आस है कि उनके बच्चे जल्द घरों को लौटेंगे।
 
दक्षिण कश्मीर में सोमवार को जिस समय दो सुरक्षाबलों के हाथों लश्कर के दो विदेशी आतंकी मारे जा रहे थे, उसी समय दो स्थानीय युवक जो गुमराह होकर आतंकवाद की राह पर चल निकले थे, चुपचाप अपने घर लौट आए।
 
राज्य पुलिस महानिदेशक डॉ. एसपी वैद ने भी दो स्थानीय आतंकियों के सरेंडर की पुष्टि करते हुए कहा कि आज दो और युवक जो गुमराह होकर आतंकी बन गए थे, हिंसा का रास्ता छोड़ अपने घर लौट आए हैं। घर वापसी पर स्वागत है।
 
अलबत्ता, इन दोनों युवकों की पहचान को सुरक्षा कारणों से गुप्त रखते हुए संबंधित पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह युवक हाल ही में आतंकी बने थे। दोनों के परिजन लगातार सुरक्षा एजेंसियों से संपर्क में थे ताकि वह आतंकी बने अपने बच्चों को सकुशल घर ला सकें। इसके अलावा उन्होंने सोशल मीडिया का भी सहारा लिया और बात बन गई।
 
उन्होंने कहा कि फिलहाल दोनों युवक पुलिस के पास ही हैं। उनके परिजन भी उनसे मिल चुके हैं। उनकी काउंसलिंग की प्रक्रिया जारी है। अगले एक दो दिन में उन्हें उनके परिजनों के हवाले कर दिया जाएगा।
गौरतलब है कि वादी में पिछले महीने अनंतनाग के माजिद इरशाद खान नामक एक युवक के अपने परिजनों के आग्रह पर हथियार छोड़ मुख्यधारा में शामिल होने और सुरक्षाबलों द्वारा उसके पुनर्वास की व्यवस्था करने से प्रभावित होकर कई स्थानीय आतंकियों के परिजन सुरक्षाबलों के साथ लगातार संपर्क करने के अलावा आतंकी बने अपने बच्चों से वापस लौटने की अपील कर रहे हैं।
 
वैसे एक मां की पुकार अभी भी सोशल मीडिया पर लगातार शेयर हो रही है जिसमें वह कहती है कि बस एक बार घर आ जाओ। तुम्हें तो पता है कि मैं दिल की मरीज हूं। बस मरने से पहले तुम्हें देखना चाहती हूं, बार बार दुपट्टे से आंखों के आंसू साफ करती एक मां की यह पुकार उसका बेटा कब सुनेगा फिलहाल कोई जवाब नहीं है।
 
दक्षिण कश्मीर में जिला पुलवामा के अंतर्गत करीमाबाद के रहने वाले अदनान अहमद की मां का बेटे के जाने के बाद बुरा हाल है। पति अब्दुल हमीद एक पुलिसकर्मी थे, जो दो साल पहले कैंसर के आगे जिंदगी हार गए। अदनान वही युवक है जिसे गुरुवार की शाम से सभी सुरक्षा एजेंसियां लगातार तलाश रही हैं।
 
उसके सभी संभावित ठिकानों पर लगातार दबिश दी जा रही है, क्योंकि उसने ही गुरुवार को फुटलीपोरा पखरपोरा में मारे गए जैश-ए-मुहम्मद के तीन आतंकियों में से एक की असाल्ट राइफल ली और आतंकी संगठन में कथित तौर पर शामिल हो गया है। उसके एक परिचित ने उसकी रोती बिलखती मां का वीडियो बना इस उम्मीद में सोशल मीडिया पर वायरल किया है कि शायद अदनान इसे देखे और अनंतनाग के माजिद इरशाद व कुलगाम के निसार डार की तरह आतंकवाद को गुडबॉय बोल आज्ञाकारी पुत्र की तरह मां की सेवा के लिए घर लौट आए।
 
अदनान की मां ने उससे लौटने की अपील करते हुए कहा है कि तुम्हें तो पता है कि मुझे दिल की बीमारी है। जब से तुम गए हो, मुझे होश नहीं आ रहा है। बार बार बेहोशी छाती है, इंजेक्शन लगवाने पड़ रहे हैं। अगर यकीन नहीं है तो सौरा अस्पताल के डॉक्टरों से ही पता कर लो। घर की हालत बहुत खराब है। उसने अदनान से लौटने की अपील करते हुए कहा कि मुझे किसी ने मजबूर नहीं किया कि मैं तुम्हें घर आने के लिए कहूं। बस मैं तुम्हें खुदा का वास्ता देती हूं कि तुम सब कुछ छोड़ घर चले आओ।

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