लखनऊ। उच्च न्यायालय, लखनऊ बेंच में सीनियर वकील सतीश कुमार शर्मा की जूनियरशिप में वकालत कर रही महिला एडवोकेट ने अपने सीनियर पर बलात्कार का आरोप लगाया, लेकिन न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद भी आरोपी को जेल नहीं भेजा गया।
पीड़िता ने इस संवाददाता से कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने के लिए समय मांगा है और कहा कि यदि मंगलवार तक मुख्यमंत्री ने उन्हें मिलने का समय नहीं दिया तो वह मुख्यमंत्री आवास के सामने आत्मदाह कर लेंगी। पीड़िता ने 4 मई सोमवार को ग्लोब पार्क, निकट स्वास्थ्य भवन, कैसरबाग में शांतिपूर्ण अनशन कर शासन से प्रकरण की सीबीआई जांच कराने की मांग की है।
उल्लेखनीय है कि अनुसूचित जाति की अविवाहित युवती उच्च न्यायालय, लखनऊ बेंच में आरोपी सीनियर वकील सतीश कुमार शर्मा की जूनियरशिप में वकालत कर रही थीं। पीड़िता के साथ सतीश कुमार शर्मा द्वारा धोखे से नशीला पदार्थ खिलाकर, अश्लील वीडियो बनाकर, उसकी आड़ में उसका लगातार दैहिक शोषण किया गया।
इस संबंध में थाना गाजीपुर में मुअसं. 352/2018, धारा-323, 504, 506, 376, अनुसूचित जाति/जनजाति अधिनियम के तहत 21 अप्रैल 2018 को मुकदमा दर्ज होने के बाद से अभी तक पुलिस आरोपी को बचा रही है। आरोपी की मदद करते हुए, पुलिस ने उसे गिरफ्तार न करते हुए उच्च न्यायालय एवं सर्वोच्च न्यायालय जाने की छूट दी, इसके बाद भी उसे किसी प्रकार की राहत, न्यायालय से नहीं मिली। अन्ततः 31 मई को उसने सरेंडर किया तो न्यायालय ने उसे जेल भेजने का आदेश दिया। पीड़िता का आरोप है कि पुलिस ने जेल भेजने के बजाय, उसे किसी गोपनीय सुरक्षित ठिकाने पर पहुंचा दिया।
अब पुलिस एवं प्रशासन द्वारा आरोपी के रिश्तेदार चिकित्सकों के माध्यम से फर्जी मेडिकल रिपोर्ट बनवाकर आरोपी को किसी अस्पताल में शिफ्ट करने की तैयारी कर रही है। इस संबंध में विशेष न्यायाधीश, एससी-एसटी ने अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए विवेचक, सीएमओ लखनऊ व अन्य लोगों को व्यक्तिगतगत रूप से 2 मई 2018 को तलब करते हुए फटकार भी लगाई थी।
उक्त विवेचक, सीएमओ लखनऊ व अन्य लोगों को भी नहीं पता है कि आरोपी कहां पर है। ऐसे में पीड़िता की जान को जबर्दस्त खतरा बना हुआ है। पीड़िता कहना है कि आरोपी कभी भी उसकी हत्या करा सकता है।