हरिद्वार। नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) की आपत्ति के बाद बंद किए गए राजाजी टाइगर रिजर्व के ईको पर्यटन गेटों को फिर से खोलने के लिए राजाजी टाइगर रिजर्व प्रशासन एनटीसीए जाने की तैयारी कर रहा है। सफारी संचालकों की समस्याओं को देखते हुए इस मामले को लेकर अधिकारी अनुरोध पत्र तैयार करने में जुट गए हैं।
राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक डीके सिंह ने बताया है कि मोतीचूर और चीला रेंज में बड़ी संख्या में पर्यटक सफारी करने आ रहे थे। इससे सैकड़ों सफारी संचालकों की भी माली हालत सुधर रही थी, जो पिछले दो साल से कोरोना संकट के चलते गंभीर आर्थिक संकटों का सामना कर रहे हैं।
ऐसे में पर्यटकों के साथ ही सफारी संचालकों की दिक्कतों को देखते हुए एनटीसीए में उसके 6 अक्टूबर के आदेश के खिलाफ पुनर्विचार के लिए नए सिरे से जाने की तैयारी है। एनटीसीए से अनुरोध किया जाएगा कि टाइगर रिजर्व को पर्यटकों के लिए दोबारा खोलने का आदेश जारी किया जाए, ताकि पर्यटकों के साथ-साथ सफारी संचालकों को राहत मिल सके।
राजाजी टाइगर रिजर्व एक अक्तूबर को खोला गया था।लेकिन पिछले दिनों एनटीसीए ने अधिवक्ता गौरव कुमार बंसल के प्रार्थन पत्र पर सुनवाई करते हुए राजाजी टाइगर रिजर्व को 15 नवंबर के बजाय एक अक्टूबर से ही खोले जाने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए तत्काल बंद करने का आदेश दिया था। राजाजी टाइगर रिजर्व सफारी वेलफेयर सोसाइटी ने भी एनटीसीए और टाइगर रिजर्व प्रशासन से मांग की है कि टाइगर रिजर्व को दोबारा पर्यटन गतिविधियों के लिए खोल दिया जाए।
सफारी वेलफेयर सोसाइटी के महासचिव शशि राणाकोटि का कहना है कि तमाम सफारी संचालक पिछले दो साल से कोरोना संकट के चलते गंभीर आर्थिक संकटों का सामना कर रहे हैं। ऐसे में यदि टाइगर रिजर्व को कुछ पहले खोल दिया जाता है तो इससे जहां पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, वहीं सफारी संचालकों को भी राहत मिल सकेगी।