देहरादून। पिछले दिनों 1 अक्टूबर को खोले गए राजाजी टाइगर रिजर्व के गेट एनटीसीए (नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी) के आदेश के बाद सैलानियों के लिए बंद कर दिए गए हैं। इसका आधार एनटीसीए ने नई दिल्ली निवासी अधिवक्ता गौरव कुमार बंसल की ओर से दाखिल किए गए प्रार्थना पत्र की सुनवाई को बताया है।
प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए एनटीसीए के सहायक वन महानिरीक्षक हेमंत सिंह की ओर से मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक को लिखे पत्र में टाइगर रिजर्व को पर्यटकों के लिए खोलने पर कड़ी आपत्ति जताई है। आमतौर पर अब तक राजाजी टाइगर रिजर्व पर्यटकों के लिए 15 नवंबर को खुलता रहा है।
लेकिन इस बार लंबे समय तक कोविड के कारण रहे लॉकडाउन के कारण हुई पार्क बंदी के कारण पार्क से जुड़े कारोबारियों और पार्क में आने की चाहत रखने वाले वन्यजीव प्रेमियों की मांग पर इसे एक अक्टूबर से ही खोल दिया गया।
एनटीसीए ने मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक उत्तराखंड को राजाजी टाइगर रिजर्व को पर्यटकों के लिए 15 नवंबर के बजाय एक अक्टूबर से ही खोले जाने पर आपत्ति व्यक्त कर इसको बंद रखने को आदेशित किया है।
एनटीसीए के सहायक वन महानिरीक्षक ने मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक के आदेश पर राजाजी पार्क के ही सत्यनारायण मंदिर से लेकर कासरो तक और चीला रेंज में क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट जोन में नए सफारी कॉरिडोर बनाने और पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए दोनों कॉरिडोर को भी तत्काल प्रभाव से पर्यटकों के लिए बंद करने के आदेश जारी किए हैं।
नई दिल्ली निवासी अधिवक्ता गौरव कुमार बंसल की ओर से दाखिल किए गए प्रार्थना पत्र में शिकायत की गई थी कि टाइगर रिजर्व को अक्टूबर में खोला जाना और क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट जोन में पर्यटन गतिविधियां बढ़ाना वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 और एनटीसीए की ओर से जारी राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण अधिनियम का खुला उल्लंघन है।