Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

Quad ने की सीमा पार आतंकवाद की निंदा, हिन्द-प्रशांत को भयमुक्त रखने का लिया संकल्प

हमें फॉलो करें Quad ने की सीमा पार आतंकवाद की निंदा, हिन्द-प्रशांत को भयमुक्त रखने का लिया संकल्प
, शनिवार, 12 फ़रवरी 2022 (00:26 IST)
नई दिल्ली। क्वाड के विदेश मंत्रियों ने शुक्रवार को हिन्द-प्रशांत क्षेत्र को भयमुक्त रखने के लिए सहयोग का विस्तार करने का संकल्प लिया और परोक्ष युद्ध के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सीमा पार आतंकवाद की निंदा की। इसके साथ ही उन्होंने यूक्रेन संकट पर भी चर्चा की और स्पष्ट किया कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किसी भी देश को धमकाने या हमला करने के लिए नहीं होना चाहिए।

विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया तथा जापान के उनके समकक्षों ने मेलबर्न में हुई बैठक में यह भी कहा कि अफगानिस्तान में अनियंत्रित स्थान हिन्द-प्रशांत की सुरक्षा के लिए सीधा खतरा हैं। उन्होंने म्यांमार की स्थिति पर भी गंभीर चिंता जताई।

यूक्रेन संकट का उल्लेख करते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने एक संयुक्त मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि रूस यदि पूर्वी यूरोपीय राष्ट्र के प्रति आक्रामकता पर आगे बढ़ता है तो मॉस्को को बड़े पैमाने पर परिणामों का सामना करना पड़ेगा और वॉशिंगटन इस मुद्दे को हल करने के लिए कूटनीति एवं वार्ता के दृष्टिकोण का पालन कर रहा है।

क्वाड की चौथी बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में यूक्रेन का मुद्दा नहीं आया, हालांकि ब्लिंकन और ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री मारिस पायने ने संकट पर रूस की आलोचना की तथा जापानी विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी ने कहा कि टोक्यो यूक्रेन की संप्रभुता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।

बयान में सभी देशों से यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया गया कि उनके नियंत्रण वाले क्षेत्र का उपयोग आतंकवादी हमलों के लिए न हो। इसमें भारत में 26/11 के मुंबई और पठानकोट हमलों सहित अन्य आतंकवादी हमलों की निंदा दोहराई गई।

इसमें कहा गया, हम एक स्वतंत्र और मुक्त हिन्द-प्रशांत को आगे बढ़ाने के हिन्द-प्रशांत देशों के प्रयासों का समर्थन करने के लिए क्वाड की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं- एक ऐसा क्षेत्र जो समावेशी हो और जिसमें देश किसी धमकी और भय के बिना अपने लोगों के हितों की रक्षा करने का प्रयास करें।

भय और धमकियों के संदर्भ को चीन के लिए एक परोक्ष संदेश के रूप में देखा जा रहा है जो हिंद-प्रशांत में अपनी सैन्य ताकत बढ़ा रहा है। जापानी विदेश मंत्री ने कहा कि अगला क्वाड सम्मेलन जापान में 2022 की पहली छमाही में होगा।

जयशंकर ने कहा कि वार्ता से स्पष्ट हो गया है कि क्वाड देशों के बीच प्रगाढ़ द्विपक्षीय संबंधों, उनके रणनीतिक समन्वय और साझा लोकतांत्रिक मूल्यों ने क्वाड को जीवंत और मजबूत समूह बना दिया है। उन्होंने कहा, हम ऐसा एजेंडा बना रहे हैं, जो मुक्त, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत के साझा दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने वाला हो। हम हिंद-प्रशांत में शांति, स्थिरता और आर्थिक समृद्धि बढ़ाने के लिए साथ मिलकर काम करने के इच्छुक हैं।

जयशंकर ने बैठक में अपनी टिप्पणी में कहा, अग्रणी लोकतंत्रों के रूप में हम क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता, कानून के शासन, पारदर्शिता, अंतरराष्ट्रीय समुद्र में नौवहन की स्वतंत्रता और शांतिपूर्ण समाधान के सम्मान पर आधारित एक नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था बनाए रखने के अपने साझा दृष्टिकोण का अनुसरण करते हैं।

उन्होंने कहा कि आतंकवाद, साइबर सुरक्षा, समुद्री सुरक्षा और दुष्प्रचार जैसे वैश्विक मुद्दों पर एक साथ काम करने की पर्याप्त गुंजाइश है और भारत हिंद-प्रशांत की दिशा में एक चुस्त और बहुआयामी रणनीति को आगे बढ़ा रहा है। जयशंकर ने एक ट्वीट में कहा, हमने जो प्रगति की है, उससे हम प्रभावित हैं।

जयशंकर, ब्लिंकन, हयाशी और पायने ने क्वाड बैठक से पहले ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन से एक संयुक्त मुलाकात की। क्वाड विदेश मंत्रियों ने सीमा पार आतंकवाद की भी निंदा की और देशों से आतंकवादियों के पनाहगाहों को खत्म करने, आतंकवादी नेटवर्क, आतंकी बुनियादी ढांचे और उन्हें बनाए रखने वाले वित्तीय माध्यमों को बाधित करने के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया।

संयुक्त बयान में कहा गया, इस संदर्भ में, हम सभी देशों से यह सुनिश्चित करने का आह्वान करते हैं कि उनके नियंत्रण वाले क्षेत्र का उपयोग आतंकवादी हमलों के लिए नहीं किया जाए और इस तरह के हमलों के अपराधियों को शीघ्रता से दंडित किया जाए। हम भारत में हुए आतंकवादी हमलों की अपनी निंदा दोहराते हैं, जिनमें 26/11 मुंबई और पठानकोट हमला भी शामिल है।

इसमें कहा गया, हम यूएनएससी (संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद) के प्रस्ताव 2593 (2021) की फिर से पुष्टि करते हैं कि अफगान क्षेत्र का इस्तेमाल किसी भी देश को धमकाने या हमला करने, आतंकवादियों को पनाह देने या प्रशिक्षित करने, या आतंकवादी कृत्यों की योजना बनाने या वित्त पोषित करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि ऐसे अनियंत्रित स्थान सुरक्षा के लिए एक सीधा खतरा हैं।

क्वाड ने संयुक्त बयान में कहा कि सदस्य देश म्यांमार में संकट के बारे में गंभीर रूप से चिंतित हैं और उन्होंने मनमाने ढंग से हिरासत में लिए गए सभी लोगों की रिहाई की मांग की। बयान में कहा गया, हम म्यांमार में समाधान तलाशने के लिए आसियान के प्रयासों के लिए अपने समर्थन की पुष्टि करते हैं और सैन्य शासन से आसियान की पांच सूत्री सहमति को तत्काल लागू करने और म्यांमार को लोकतंत्र के रास्ते पर वापस लाने का आह्वान करते हैं।

जयशंकर ने कहा कि भारत की म्यांमार के साथ भूमि सीमा है और इसकी कुछ बहुत ही विशिष्ट चिंताएं हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि नई दिल्ली राष्ट्रीय प्रतिबंधों की नीति का पालन नहीं करती है। यूक्रेन की सीमा पर रूसी सैनिकों के जमावड़े का उल्लेख करते हुए ब्लिंकन ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि रूस के साथ मुद्दा सुलझाने के लिए हरसंभव प्रयास किया जा रहा है, लेकिन यह स्पष्ट किया जाता है कि अगर मॉस्को नई आक्रामकता का रास्ता चुनता है, तो उसे बड़े परिणाम भुगतने होंगे।

उन्होंने कहा, हम आर्थिक, वित्तीय प्रतिबंधों और निर्यात नियंत्रण सहित उन परिणामों को एकसाथ रख रहे हैं।जापानी विदेश मंत्री ने कहा कि यूक्रेन मुद्दे पर चर्चा हुई और उनका देश पूर्वी यूरोपीय राष्ट्र की संप्रभुता की रक्षा का समर्थन करता है।

ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री मारिस पायने ने कहा, मैंने यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए ऑस्ट्रेलिया के मजबूत समर्थन को भी दोहराया है और हम अपने सहयोगियों तथा इस तरह की आक्रामकता को रोकने के लिए अपने भागीदारों का समर्थन करना जारी रखेंगे।

हाल में आई चीन-रूस की उस संयुक्त विज्ञप्ति के बारे में पूछे जाने पर जिसमें यूक्रेन और ताइवान पर उनकी स्थिति दर्शाई गई है, पायने ने कहा कि यह एक वैश्विक व्यवस्था को नहीं दर्शाती। जयशंकर ने कहा, क्वाड किसी चीज के लिए है, किसी के खिलाफ नहीं।

पायने ने कहा कि क्वाड के विदेश मंत्रियों ने खुलेपन, राष्ट्रीय संप्रभुता की सुरक्षा, नियमों के पालन और निष्पक्षता के सिद्धांतों के समर्थन की पुष्टि की। बयान में कहा गया, हमारी बैठक ने क्वाड के सकारात्मक और महत्वाकांक्षी एजेंडे को आगे बढ़ाया। हम क्षेत्र की सबसे महत्वपूर्ण चुनौतियों का समाधान करने के लिए हिन्द-प्रशांत भागीदारों के साथ मिलकर काम करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। क्वाड के रूप में एक साथ काम करते हुए, हम इस क्षेत्र को व्यावहारिक समर्थन देने में अधिक प्रभावी हैं।

बयान में कहा गया कि क्वाड भागीदार अंतरराष्ट्रीय कानून में निहित एक ऐसी स्वतंत्र, मुक्त और समावेशी नियम-आधारित व्यवस्था का समर्थन करते हैं, जो क्षेत्रीय देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करती हो। इसमें कहा गया, हम जोर-जबरदस्ती वाली आर्थिक नीतियों और प्रथाओं का विरोध करते हैं, जो इस व्यवस्था के खिलाफ हैं और इस तरह की कार्रवाइयों के खिलाफ वैश्विक आर्थिक उदारता को बढ़ावा देने के लिए सामूहिक रूप से काम करेंगे।

चीन का नाम लिए बिना क्वाड विदेश मंत्रियों ने दक्षिण और पूर्वी चीन सागर सहित समुद्री नियम-आधारित व्यवस्था की चुनौतियों का सामना करने का भी संकल्प लिया। बयान में कहा गया कि क्वाड समुद्री क्षेत्र जागरूकता को मजबूत करने, अपतटीय संसाधनों को विकसित करने की क्षमता बढ़ाने और अवैध एवं अनियमित रूप से मछली पकड़ने जैसी चुनौतियों का मुकाबला करने के अलावा नौवहन की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्रीय भागीदारों के साथ जुड़ाव को गहरा करने के लिए दृढ़ हैं।

कोविड-19 महामारी के बारे में इसने कहा कि क्वाड भागीदारों ने सामूहिक रूप से टीकों की 50 करोड़ से अधिक खुराक प्रदान की हैं और उन्होंने विश्व स्तर पर 1.3 अधिक से खुराक दान करने का संकल्प लिया है। बयान में कहा गया, हम भारत में बॉयलॉजिकल ई लिमिटेड प्रतिष्ठान में टीका उत्पादन के विस्तार में क्वाड टीका भागीदारी की तेज प्रगति से खुश हैं, जिसका लक्ष्य 2022 के अंत तक कम से कम एक अरब टीके वितरित करना है। क्वाड इस साल की पहली छमाही में क्वाड-समर्थित टीकों की पहली खेप के वितरण की उम्मीद कर रहा है।(भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

उत्तराखंड में तो भाजपा गई, शिवराज का वीडियो हुआ वायरल